पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सीएम ममता बनर्जी के बांग्लादेश के हिंसा प्रभावित लोगों को राज्य में शरण देने को लेकर दिए गए बयान पर उनसे रिपोर्ट तलब की है। राज्यपाल ने उनसे संविधान के अनुच्छेद 167 के तहत एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है कि किस आधार पर संवैधानिक मर्यादाओं की अनदेखी करते हुए ऐसी सार्वजनिक घोषणा की गई है।
राजभवन ने इस संबंध में जानकारी दी। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में राजभवन की मीडिया सेल ने कहा कि बाहरी मामलों का हिस्सा होने वाली किसी भी चीज को संभालना केंद्र का विशेषाधिकार है।
राजभवन ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा कि विदेश से आने वाले लोगों को आश्रय देने का मामला केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। किसी विदेशी देश से आने वाले लोगों को आश्रय देने की जिम्मेदारी लेने वाले एक मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक बयान देना गंभीर संवैधानिक उल्लंघन का संकेत देता है। हालांकि एक्स पर की गई पोस्ट को एक अधिकारी के हवाले से किया गया है। पोस्ट में एक अस्वीकरण नोट के साथ कहा गया है कि इसे राज्यपाल का बयान न माना जाए।
भाजपा भी आई विरोध में
पश्चिम बंगाल भाजपा ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि सीएम राज्य में घुसपैठ को जायज ठहरा रही हैं। भाजपा ने यह आरोप ममता बनर्जी के उस बयान के बाद लगाया है, जिसमें ममता बनर्जी ने कहा कि वह बांग्लादेश के हिंसा प्रभावित लोगों को राज्य में शरण देने के लिए तैयार हैं। भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत की एकता को कमजोर करने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
क्या बोला था सीएम ममता ने?
मुख्यमंत्री ने कहा, मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि वह एक संप्रभु राष्ट्र है और इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहने की जरूरत है वह केंद्र का विषय है। लेकिन मैं आपको यह बता सकती हूं कि अगर असहाय लोग पश्चिम बंगाल के दरवाजे पर दस्तक देते हैं, तो हम निश्चित रूप से उन्हें आश्रय देंगे। कोलकाता में टीएमसी की ‘शहीद दिवस’ रैली में रविवार को कही। वहीं, भाजपा ने उनके बयान की तीखी आलोचना करते हुए इसे इंडी गठबंधन की अवैध प्रवासियों को भारत में बसाने की नापाक योजना करार दिया है।
बनर्जी ने अपनी बात के समर्थन में कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि अशांति वाले क्षेत्रों के आस-पास के क्षेत्रों में शरणार्थियों को समायोजित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का एक प्रस्ताव है। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा, हमें खून बहता देखकर दुख होता है और मेरी संवेदना उन छात्रों के साथ है जो मारे गए। बनर्जी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, सैकड़ों छात्र और अन्य लोग संकटग्रस्त बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल/भारत लौट रहे हैं। मैंने अपने राज्य प्रशासन से वापस लौटने वालों को हरसंभव मदद देने को कहा है।