शिवलिंग
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कण-कण शंकर की नगरी काशी में कदम-कदम पर शिवालय हैं। मान्यता है कि भगवान शिव पूरे सावन भर अपनी ससुराल सारंगनाथ महादेव मंदिर में विराजमान रहते हैं। सावन के महीने में अपने साले के साथ भगवान शिव भक्तों को दर्शन देकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन का फल देते हैं।
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शहर से लगभग 10 किलोमीटर पूर्वोत्तर में तथागत की उपदेश स्थली सारनाथ में जमीन से लगभग 80 फीट से अधिक ऊपर सारंगनाथ महादेव विराजमान हैं। गर्भगृह में दो शिवलिंग के दर्शन होते हैं। एक शिवलिंग आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया गया है। मान्यता है कि एक भगवान भोलेनाथ हैं और एक उनके साले सारंगदेव महाराज हैं।
सारंगनाथ मंदिर के महंत परिवार के घनश्याम दुबे ने बताया कि मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ सावन में काशी छोड़कर यहीं निवास करते हैं। सावन में सारंगनाथ के दर्शन पूजन और जलाभिषेक से उतना ही पुण्य मिलता है, जितना काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन का है।