अदालत
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि आपराधिक केस की परिस्थितियों से स्पष्ट हो रहा हो कि विवाद की प्रकृति सिविल है तो हाईकोर्ट अंतर्निहित शक्ति का प्रयोग कर आपराधिक कार्यवाही रद्द कर सकता है। कोर्ट ने मऊ के कोतवाली क्षेत्र में जमीन के बैनामे को लेकर कपट व धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज मुकदमे की संपूर्ण कार्रवाई को रद्द कर दिया है। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने सेवाती देवी व छह अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है।
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याची के वकील ने दलील दी कि जमीन के बैनामे को लेकर हुए विवाद के सिविल वाद को आपराधिक केस में तब्दील किया गया है। विवेचना के दौरान दोनों पक्षों में समझौता भी हो गया। शिकायतकर्ता ने कहा है कि जमीन का बैनामा हो चुका है वह केस नहीं चलाना चाहते। विवेचना अधिकारी ने शिकायतकर्ता के बयान पर ध्यान दिए बगैर चार्जशीट दाखिल कर दी और अदालत ने संज्ञान भी ले लिया, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।