सुप्रीम कोर्ट
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दिल्ली रिज वन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के मामले पर सुप्रीम कोर्ट की कौनसी पीठ सुनवाई करेगी, इसे लेकर विवाद हो गया है। जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने बुधवार को इस पर नाराजगी जताई कि मामले की सुनवाई न्यायालय की दूसरी पीठ कर रही है।
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जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस प्रशांतकुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने मामले को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पास भेजा, ताकि इसे उचित रूप से एक पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जा सके। पीठ ने कहा, हम न्यायिक औचित्य का पालन कर रहे हैं, हालांकि दूसरी पीठ ने ऐसा नहीं किया। अवमानना मामले में कार्रवाई के समान कारण के लिए आदर्श रूप से मामले को चीफ जस्टिस के पास भेज दिया जाना चाहिए था।
दरअसल, जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा के खिलाफ स्वत:संज्ञान अवमानना मामले की सुनवाई कर रही है। रिज वन क्षेत्र में पेड़ों को कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए काटे जाने के बाद डीडीए कठघरे में है।
पेड़ों को काटने में उपराज्यपाल (एलजी) की भूमिका को छिपाने के प्रयास पर इस पीठ ने कड़ी आपत्ति जताई थी। पीठ ने डीडीए से स्पष्टीकरण भी मांगा था कि क्या उसने एलजी के निर्देशों के आधार पर पेड़ों को काटा था या यह निर्णय स्वतंत्र रूप से लिया गया था।