शेख हसीना, शी जिनपिंग
– फोटो : रॉयटर्स/एएनआई (फाइल)
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अमेरिका ने बांग्लादेश में चीन की उपस्थिति पर चिंता जताई है। एक सांसद का मानना है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए एक व्यापारिक साझेदार के तौर पर शीर्ष पर है। ये सभी देश अमेरिका के रणनीतिक भागीदार भारत के आसपास है। दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लु ने चेतावनी देते हुए कहा कि बांग्लादेश को इस बात से सावधान रहना चाहिए कि उन्हें जल्दबाजी में जरूरत से ज्यादा विस्तार नहीं करना चाहिए। उन्होंने चुनाव के बाद से बांग्लादेश में जारी हिंसा की भी निंदा की।
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मंगलवार को अमेरिकी सांसद में दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लु ने कहा, “हम बांग्लादेश में बढ़ते चीनी प्रभाव से चिंतित हैं। मैं कहना चाहूंगा कि बांग्लादेश को इस बात से सतर्क रहना चाहिए कि उन्हें जल्दबाजी में जरूरत से ज्यादा विस्तार नहीं करना चाहिए।”
अमेरिकी सांसद बिल कीटिंग ने जब पूछा, “रूस के संदर्भ में, उस क्षेत्र में बांग्लादेश में चीन का प्रभाव है, क्या आपने इसमें भी कोई चिंताजनक चीज देखी?” इस सवाल का जवाब देते हुए लु ने कहा, “मैं कहना चाहता हूं कि बांग्लादेश में जिन देशों का प्रभाव सबसे अधिक है, उनमें रूस या चीन नहीं, बल्कि भारत है। हम बांग्लादेश में अपनी नीतियों को लेकर भारत के साथ सक्रिय बातचीत करते हैं।”
अमेरिकी सांसद यंग किम ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए एक व्यापारिक साझेदार के तौर पर शीर्ष पर है। ये सभी देश भारत के आसपास है। उन्होंने आगे कहा, “भारतीय सीमा और हिंद महासागर में पीएलए की मौजूदगी भी बढ़ रही है। सहायता और सहयोग न केवल दक्षिण एशिया में अमेरिकी हितों को आगे बढ़ाने में, बल्कि उनकी समृद्धि को बढ़ाने और क्षेत्र को स्वतंत्र और खुला रखने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।”
चुनाव के बाद हुई हिंसा की भी निंदा की गई
एक अन्य अमेरिकी सांसद ने सवाल किया, हाल ही में बांग्लादेश में चुनाव हुए, जिसमें हिंसा की घटनाएं पहली की अपेक्षा बहुत ही कम घटी। इसपर लु ने कहा कि अमेरिका पिछले हफ्ते बांग्लादेश में हुई हिंसा पर बहुत बारीकी से नजर बनाए हुए है। उन्होंने आगे कहा, “हमने उस हिंसा की निंदा की और सरकार से बोलने की स्वतंत्रता का सम्मान करने का आह्वान भी किया। आपको मालूम होगा कि यहां कर्फ्यू भी लगाए गए हैं। पुलिस ने बताया कि हिंसा में शामिल लोगों को सीधे गोली मारने का आदेश दिया गया है। ऐसा मैंने सुना है।”
लु ने कहा कि बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों और सरकार के बिल फिलहाल स्थिति बहुत चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही क्षेत्र में शांति बहाल हो जाएगी। यूएसएआईडी में एशिया ब्यूरो की उप सहायक प्रशासक अंजलि कौर ने भी बांग्लादेश में अशांति को लेकर चिंता जताई है।