आज कई शहरों में होगी बारिश।
– फोटो : अमर उजाला
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यूपी में बारिश का मिलाजुला रूप देख प्रदेश के लोग हैरान हैं। कहीं भारी बारिश तो कहीं एकदम सूखा है। एक ही दिन में कई मौसम देखने को मिल रहे हैं। धूप होती है, थोड़ी बारिश होती है और फिर धूप निकल आती है। इतना ही नहीं एक ही शहर में कहीं धूप निकली होती है तो कहीं बारिश हो रही होती है।
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इधर मौसम विभाग ने शनिवार के लिए 20 से अधिक शहरों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मौसम का यही रुख आगे भी रहेगा। कई इलाकों में भारी बारिश के भी आसार हैं, पर ज्यादातर इलाकों में छिटपुट या मध्यम बारिश हो सकती है। शुक्रवार को बाराबंकी में 3.6 मिमी, इटावा में 17 मिमी, फुरसतगंज में 15.1 मिमी, हमीरपुर में 5, शाहजहांपुर में 3 मिमी बारिश हुई। मेरठ में 42.3 मिमी बारिश रिकॉर्ड किया गया।
इन शहरों के लिए अलर्ट
बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, संतरविदासनगर, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, महोबा, झांसी, ललितपुर व आसपास के इलाकों में भारी बारिश के आसार हैं।
भारी बारिश से यमुना में उफान, यमुनोत्री
मूसलाधार बारिश से उत्तराखंड से गुजरात और महाराष्ट्र तक भारी तबाही मची है। पिछले 24 घंटे के दौरान मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से उत्तराखंड के यमुनोत्री धाम और उसके अंतिम पड़ाव जानकीचट्टी पर कहर टूटा है। यमुना नदी का जल स्तर बढ़ गया है और यमुनोत्री मंदिर परिसर के कुछ हिस्से को नुकसान पहुंचा है। वहीं, गुजरात के नवसारी और महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में भी भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गई हैं। कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं और 4,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
उत्तरकाशी से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, यमुनोत्री क्षेत्र में बृहस्पतिवार रात करीब 12 बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश शुक्रवार सुबह तक जारी रही। इससे भूस्खलन और यमुना का जल स्तर बढ़ने से यमुनोत्री मंदिर परिसर सहित अस्थायी पुल, सुरक्षा दीवार, रसोई और पुरोहित सभा कक्ष को नुकसान पहुंचा है। जानकीचट्टी बस पार्किंग में पानी व मलबा घुसने से तीन खच्चर बह गए, जबकि एक बाइक मलबे में दब गई। यमुनोत्री धाम से जानकीचट्टी तक आते-आते यमुना नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया था। बस पार्किंग के आसपास बने ढाबों में मौजूद लोगों ने किसी तरह भागकर जान बचाई। शाम तक नदी का जलस्तर तो कम हो गया, लेकिन जानकीचट्टी बस पार्किंग बोल्डर और मलबे से भर गई है।