भारत-अमेरिका
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भारत को एक महान शक्ति बताते हुए बाइडन प्रशासन ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि नई दिल्ली विश्व स्तर पर जिम्मेदार भूमिका निभाना चाहता है। ये टिप्पणियां अमेरिकी उप-विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने हिद-प्रशांत से परे अमेरिका-चीन प्रतिस्पर्धात्मकता पर एक सुनवाई के दौरान की। उन्होंने कहा, इस बात के भी संकेत हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी रूस के बाद इस माह के अंत में कीव का दौरा कर सकते हैं।
कैंपबेल ने कहा, भारत एक महान ताकत है और इसकी अपनी मान्यताएं तथा हित हैं। वे कभी भी अमेरिका के औपचारिक सहयोगी या भागीदार नहीं होंगे। उन्होंने सुनवाई के दौरान सीनेट की विदेश संबंध समिति के सदस्यों से कहा, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वैश्विक मंच पर सहयोगी देशों के रूप में हमारे सबसे मजबूत रिश्ते नहीं हो सकते। वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए पीएम मोदी की हालिया मॉस्को यात्रा के बारे में सीनेटर जेम्स रिस्क के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हमें भारत के यूक्रेन में अधिक सीधे तौर पर शामिल होने की खबरें सुनने की संभावना है।
अमेरिका से अच्छे रिश्ते चाहते भारतीय
अमेरिकी उप-विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने कहा, दुनिया में बहुत कम ऐसे देश हैं जिन्होंने ग्लोबल साउथ जैसी अपील की है। वैश्विक दक्षिण की भारत की क्षमता बेजोड़ है। हम भी अफ्रीका के साथ काम करना चाहते हैं।
कैंपबेल ने सांसदों को बताया, मैं वास्तव में मानता हूं कि यह संभवतः अमेरिका के लिए सही होने के लिए सबसे महत्वपूर्ण संबंध है। मेरा मानना है कि भारत में अधिकांश लोग अमेरिका के साथ बेहतर संबंध चाहते हैं। वे हमारे द्विदलीय ध्यान के लिए आभारी हैं। उन्हें वह काम पसंद है जो हमने शिक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मिलकर किया है।