सोनभद्र। शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र के तत्वावधान में दो अगस्त पुण्य तिथि पर शायर रिंद बनारसी को साहित्यकारों ने कचहरी परिसर सोनभद्र बार एसोसिएशन सभागार में आयोजन कर याद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार रामनाथ शिवेंद्र संपादक असुविधा पत्रिका व गीतकार जगदीश पंथी मुख्य अतिथि ने रिंद साहब के चित्र पर माल्यार्पण व शमां रौशन कर विधिवत शुभारंभ किया। रिंद बनारसी के पुत्र शायर जुल्फिकार हैदर ने नम आंखों से पुष्प अर्पित किए और उनकी स्मृतियों को साझा करते हुए भावुक हो गए।
दिवाकर द्विवेदी मेघ, प्रभात सिंह चंदेल, राकेश शरण मिस्र नोटरी अधिवक्ता, जयराम सोनी, कवयित्री कौशल्या चौहान, धर्मेश चौहान, दयानंद दयालू ,दिलीप सिंह, दीपक, मदन चौबे, सुधाकर स्वदेशप्रेम ने उनके कृतित्व व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए सजल नेत्रों से उनकी ग़ज़लों पर प्रकाश डाला। गीतकार जगदीश पंथी ने सच्चे आम आदमी से जुड़े गजल गो रिंद साहब की शायरी जो सीधे दिल में उतर जाती थी बताया।
संयोजन व संचालन कर रहे निदेशक शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र प्रदुम्न त्रिपाठी एडवोकेट ने कविता,,,रिंद वंशज मेरे पूज्य को है नमन, शब्द सुमनों से मैं कर रहा हूं वंदन। पुण्य तिथि पर समर्पित है श्रद्धांजली, तुम खुदा रूप तेरा तुझको है अर्पण। सुनाकर भाव विभोर होकर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित किए।
अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार रामनाथ शिवेंद्र ने रिंद साहब को नमन करते हुए उनके शायरी में जिये जीवन यथार्थ आम आदमी के जीवन से जुड़ी सामाजिक सरोकारों से दो चार करती धारा के विपरीत गजल नज़्म जो रूमानी अदाओं में भी एक संदेश देती थी सवाल करती थी उनका जन्म बनारस जरूर रहा लेकिन कर्म भूमि सोनभद्र रही लाजवाब शायर को सलाम किया। इस अवसर पर रिषभ, शिवमोचन, फारुख अली हाशमी, गुलाम हुसैन, ठाकुर कुशवाहा, शिखा, गोपाल, देवानंद पांडेय एडवोकेट, जयशंकर त्रिपाठी एडवोकेट आदि रहे।