वायनाड में भूस्खलन के बाद बचाव और राहत कार्य में लगीं मेजर सीता शेल्के
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पिछले दिनों केरल के वायनाड में आई आपदा ने पूरे देश को झकझोर दिया। त्रासदी ऐसी कि घटना के चार दिन बीते जाने के बाद भी बचाव और राहत कार्य पूरा नहीं किया जा सका है। भूस्खलन के कारण आई आपदा में तीन सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। आपदा के बाद सेना, राज्य पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें दिन रात लोगों को बचाने के लिए अभियान चला रही हैं।
घटना के बाद बचाव और राहत कार्य के लिए सबसे बड़ी समस्या थी संपर्क पुल की जो आपदा में नष्ट हो गई। हालांकि, भारतीय सेना ने 31 घंटे बिना रुके 190 फीट ऊंचा बेली ब्रिज तैयार कर दिया और इसके कारण कई लोगों की जान बचाई गई है। जिस टीम ने इस पुल को बनाया उसमें मेजर सीता अशोक शेल्के ने भी अहम भूमिका निभाई है। शेल्के की अब सोशल मीडिया पर लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं। मशहूर उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी मेजर सीता की सराहना की है।
आइये जानते हैं वायनाड में त्रासदी के बाद कैसे हुआ राहत कार्य? पुल बनाने वाली मेजर सीता कौन हैं? उनकी टीम ने कैसे पुल बनाया है? पुल बनाना क्यों अहम था? इससे राहत कार्य में कैसे आसानी हुई?