सुप्रीम कोर्ट दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आज सुनवाई करेगा। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ इन दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
इससे पहले 29 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान, सीबीआई और ईडी की तरफ से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने अदालत को बताया था कि केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सिसोदिया की याचिका पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है।
सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को शराब नीति केस से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, ईडी ने नौ मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था। मनीष तब से ही तिहाड़ जेल में बंद हैं।
मनीष सिसोदिया पर 17 महीने से हिरासत में
सिसोदिया ने अपनी याचिका में कहा है कि पिछले साल अक्तूबर से उनके खिलाफ मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है, इसलिए जमानत की मांग वाली पिछली याचिका पर फिर से विचार किया जाना चाहिए। इससे पहले 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई से ठीक पहले जस्टिस संजय कुमार ने खुद को बेंच से अलग कर लिया था, जिसके बाद सुनवाई टल गई थी। ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाएं कई बार खारिज हो चुकी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने चार जून को जमानत से इनकार किया था
ट्रायल कोर्ट ने इस साल 30 अप्रैल को सिसोदिया की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। इस फैसले के खिलाफ सिसोदिया हाईकोर्ट पहुंचे थे। 21 मई को हाईकोर्ट ने दोनों मामलों में (भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग) सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
सुप्रीम कोर्ट ने चार जून को सिसोदिया की जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद सिसोदिया ने इस पर दोबारा विचार करने को लेकर याचिका लगाई थी।
11 जुलाई को जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संजय कुमार की बेंच सुनवाई करने वाली थी। हालांकि, जैसे ही मामला सुनवाई के लिए रखा गया, जस्टिस खन्ना ने कहा, ‘हमारे भाई (जस्टिस संजय कुमार) को कुछ दिक्कत है। वह निजी कारणों के चलते इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते।’