वायनाड में भूस्खलन के बाद बचाव और राहत कार्य
– फोटो : PTI
विस्तार
सरकारी सूत्रों ने शनिवार को बताया कि साल 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने ही संसद में एक सवाल के जवाब में कहा था कि सरकारी नियमों में राष्ट्रीय आपदा की कोई अवधारणा नहीं है। यह स्पष्टीकरण ऐसे समय आया है, जब विपक्ष के कई नेताओं ने केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है। राहुल गांधी भी ऐसी मांग कर चुके हैं।
राष्ट्रीय आपदा की कोई अवधारणा नहीं
सूत्रों ने बताया कि साल 2013 में तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और केरल से कांग्रेस के सांसद मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि ‘किसी प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है।’ जवाब में कहा गया कि ‘आपदा की गंभीरता के आधार पर कुछ अतिरिक्त राहत दी जा सकती है। आपदा की स्थिति में राहत और बचाव मदद देना प्राथमिकता है, लेकिन ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए।’
संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में यूपीए सरकार में दिया था जवाब
दरअसल ये सवाल पूछा गया था कि क्या सरकार ने देश में आने वाली गंभीर प्रकृति की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए कोई मानदंड तय किए हैं या नहीं? गंभीर आपदा की स्थिति में स्थापित प्रक्रिया का पालन करने के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) से अतिरिक्त सहायता पर भी विचार किया जाता है। साथ ही कहा गया कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में आवश्यक बचाव और राहत उपाय करने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्य सरकार की है।