नई दिल्ली: ‘कभी अलविदा न कहना’ में एक दिल दहला देने वाला सीन दिखाया गया था, जिसमें अभिषेक बच्चन का किरदार माया (रानी मुखर्जी) को अमिताभ बच्चन के किरदार की मौत के बारे में बताता है. यह सीन रुला देता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सीन शूट होने के बाद अभिषेक बच्चन खूब रोए थे? अभिषेक ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि वे इस सीन की शूटिंग के बाद अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाए थे और तब करण जौहर ने उन्हें संभाला था, लेकिन वे भी उनके साथ रोने लगे थे. यहां तक कि रानी मुखर्जी भी उनके साथ बिना किसी कारण के रोने लगे थीं.
अभिषेक ने साल 2014 में ‘लुक हूज टॉकिंग विद निरंजन’ को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘करण ने आकर मुझसे (सीन के बारे में) बात की. करण दुनिया का सबसे खराब एक्टर है, फिर भी वे जो करते हैं, उसमें डूबकर काम करते हैं. इसके बावजूद करण बताने में कामयाब रहते हैं कि वे एक्टर से क्या उम्मीद कर रहे हैं. मुझे याद है कि वह मेरे पास आए और बोले, ‘एबी यह सीन मत करो. सिर्फ सीधा-सीधा कह देना. मैं बतौर एक्टर सोच रहा था कि मुझे कहना है कि वे मर गए हैं. जब मैंने देखा, तो वो मेरे पापा की फोटो थी. इसका मुझ पर असर पड़ा.’
अभिषेक आगे बोले, ‘मैंने एक पल देखा और सोचा और कहा कि यह मेरे पिताजी हैं. मैं ऐसा कैसे कह सकता हूं कि वह मर गए हैं. वे होटल में मेरा इंतजार कर रहे हैं. मेरे डायलॉग कहते ही कि करण बोले- कट, शॉट मिल गया. मैं फिर उठा और किनारे पर गया और जोर-जोर से रोने लगा. मुझे याद है कि करण मेरे पास आए. उन्होंने मुझे गले लगाया क्योंकि वे मुझे जानते थे. वे फिर रोने लगे. मुझे एहसास हुआ कि वे यश अंकल के बारे में सोच रहे थे और उन्होंने यह सीन यश अंकल के लिए लिखा था और मैं इसे अपने पिता के लिए निभा रहा था. रानी आईं और उन्हें नहीं पता था कि हम क्यों रो रहे थे, लेकिन वे भी रोने लगीं. वह अलौकिक एहसास था.’ ‘कभी अलविदा न कहना’ अभिषेक और अमिताभ की एक-साथ तीसरी फिल्म थी. उन्होंने इससे पहले ‘बंटी और बबली’ और ‘सरकार’ में स्क्रीन साझा किया था. फिल्म में पिता-पुत्र अलग ही अवतार में नजर आए थे. उनके अभिनय की खूब तारीफ हुई थी. फिल्म की रिलीज को 18 साल पूरे हो गए हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 11, 2024, 18:45 IST