महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक सहित देश के कई राज्यों में इन दिनों मच्छर जनित रोगों के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इस साल अब तक महाराष्ट्र डेंगू से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य रहा है। जुलाई तक ही यहां डेंगू के मामले रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इस बार साल के पहले सात महीनों में राज्य में डेंगू के केस में 83 फीसदी तक का उछाल दर्ज किया गया है।
पिछले साल जुलाई तक जहां महाराष्ट्र में 3,164 मामले रिपोर्ट किए गए थे वहीं इस साल के पहले सात महीनों में 5,776 केस दर्ज किए गए हैं, जो करीब दोगुना के बराबर हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मच्छर जनित रोग के खतरे को लेकर सभी लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है।
महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक और केरल में भी डेंगू के मामले बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठते हैं कि दिल्ली में डेंगू की क्या स्थिति है? क्या यहां भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, आइए इस बारे में दिल्ली के डॉक्टर्स से जानते हैं।
डेंगू और इसका खतरा
मीडिया रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो पता चलता है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली-एनसीआर में भी डेंगू का खतरा बढ़ रहा है। बारिश और जलजमाव के कारण मच्छर जनित रोगों को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अलर्ट किया है।
नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल के आंकड़ों से पता चला है कि राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल (2023 में) डेंगू के 9,266 मामले और 19 मौतें दर्ज की गईं थी। वहीं इस साल, दिल्ली में जुलाई तक डेंगू के 260 से अधिक मामले सामने आए हैं, जो पिछले साल में इसी अवधि में दर्ज किए गए 136 मामलों से लगभग दोगुना है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, डेंगू के खतरे को लेकर सभी लोगों को लगातार सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
क्या कहते हैं दिल्ली के डॉक्टर्स?
दिल्ली स्थित एक अस्पताल में आईसीयू विभाग के डॉक्टर वीरेंद्र सिंह बताते हैं, दिल्ली के कई अस्पतालों में ओपीडी में आ रहे रोगियों में डेंगू का निदान किया जा रहा है। फिलहाल भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या कम है। आंकड़ों से भी पता चलता है कि दिल्ली सहित कई राज्यों में इस साल संक्रमण के मामले पहले की तुलना में अधिक देखे जा रहे हैं। रोग के खतरों को लेकर हम पहले से सावधान हैं।
वहीं ग्रेटर नोएडा के अस्पताल से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में डेंगू के कारण कुछ लोगों को भर्ती किया गया है। हालांकि गंभीर स्थितियों जैसे प्लेटलेट्स कम होने या आईसीयू में भर्ती होने का जरूरत फिलहाल नहीं देखी जा रही है।
जुलाई में रिकॉर्ड पर पहुंचे मामले
पिछले हफ्ते केंद्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा बुलाई गई एक वर्चुअल बैठक में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि वैसे तो डेंगू के मामले आमतौर पर अक्टूबर में चरम पर होते हैं, लेकिन इस साल 31 जुलाई तक के रुझानों से पता चलता है कि मामलों की संख्या पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में लगभग काफी अधिक है। जोखिमों को देखते हुए हमें इस बार अतिरिक्त सावधानी बरतते रहने की जरूरत है।
डेंगू से बचाव के लिए क्या करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बरसात के दिनों में गमलों, टायरों, टूटे बर्तनों या झुग्गियों के ऊपर प्लास्टिक की चादरों के नीचे पानी जमा हो जाता है। ये सभी मच्छरों के प्रजनन के लिए आदर्श स्थान होते हैं। पोखरों में जमा पानी और बंद नालियां भी डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के लिए प्रजनन का उपयुक्त स्थल बन जाती हैं। पानी को जमा होने से रोकने के उपाय करके डेंगू के खतरे को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है।
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नोट: यह लेख डॉक्टर्स का सलाह और मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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