रैपिड रेल
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लंबे इंतजार के बाद रैपिड रेल नमो भारत रविवार को गाजियाबाद से यात्रियों को लेकर पहली बार मेरठ पहुंची। दोपहर दो बजे मोदीनगर से मेरठ के लिए पहली ट्रेन रवाना हुई। ठीक इसी समय मेरठ से साहिबाबाद के लिए भी ट्रेन चली। इस तरह रक्षाबंधन पर भाइयों को राखी बांधने के लिए जा रहीं बहनों को सुहाने सफर का तोहफा मिल गया।
155 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली रैपिड रेल ने मेरठ से साहिबाबाद तक के 42 किमी के आरआरटीएस कॉरिडोर की दूरी महज 29 मिनट में पूरी की। ट्रैफिक जाम न होने पर भी सड़क मार्ग से जाने में इस दूरी के लिए एक घंटे से ज्यादा का समय लग जाता है। दोपहर को यात्रियों की संख्या कम रही, लेकिन शाम होते-होते बड़ी संख्या में महिलाएं सफर के लिए पहुंचीं। कई महिलाओं ने हाथ में तिरंगा ले रखा था।
इससे पहले, रैपिड रेल साहिबाबाद से मोदीनगर तक के 34 किमी के ट्रैक पर दौड़ रही थी। मेरठ दक्षिण-भूड़ बराल स्टेशन तक की दूरी आठ किमी है। इस तरह अब कुल ट्रैक 42 किमी का हो गया है। दिल्ली से मेरठ तक का कुल ट्रैक 82 किमी का है। 40 किमी पर अभी काम चल रहा है।
जाम का झंझट खत्म
मोदीनगर पहुंचे मेरठ के भूड़ बराल निवासी विनीत और शास्त्रीनगर निवासी कारोबारी उत्कर्ष ने कहा कि रैपिड रेल से ट्रैफिक जाम के झंझट से मुक्ति मिली। अब तक सिर्फ रैपिड रेल की रफ्तार की बात सुन रहे थे। आज इसका अनुभव भी कर लिया। वहीं, दुहाई से मेरठ के लिए सवार हुईं राजनगर की विनीता ने कहा, हर बार जाम में फंसते थे, लेकिन रेल का सफर कार से ज्यादा आरामदायक है।