Bhadrapada 2024: सावन (Sawan) महीने का समापन 19 अगस्त 2024 को हो चुका है और 20 अगस्त से भाद्रपद महीने (Bhado) की शुरुआत हो चुकी है. सावन माह जिस तरह भगवान शिव (Lord shiva) को समर्पित है, ठीक वैसे ही भाद्रपद भगवान गणपति (Lord Ganesh) को समर्पित है. यह माह गणपति मंगल के आने का प्रतीक है. इसलिए इस माह को भी मंगलकारी कहा जाता है.
स्वामी अंजनी नंदन दास अनुसार, सृष्टि के संचालनकर्ता भगवान विष्णु (Lord Vishnu) आषाढ़ी एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक राजा बलि के यहां शयन करते हैं. इसलिए चौमासे यानी चातुर्मास (Chaturmas 2024) की अवधि में भगवान शिव श्रृष्टि का संचालन करते है. इसलिए कार्तिक माह (Kartik Month) तक शिव परिवार ही संचालन करतें हैं. श्रावण में शिव, भाद्रपद में गणेश और अश्विन ने माता पार्वती (Devi Parvati) (नवरात्रि).
पुराणों में सावन माह को शिवजी का सर्वश्रेष्ठ और प्रिय माह बताया गया है-
द्वादशस्वपि मासेषु श्रावणो मेऽतिवल्लभ:।
श्रवणार्हं यन्माहात्म्यं तेनासौ श्रवणो मत:॥
अर्थ- 12 माह में सावन माह शिवजी को अत्यंत प्रिय लगता है. इसका माहात्म्य सुनने (श्रवण) योग्य है अतः इसे श्रावण कहा जाता है.
शिवजी ने गणेश जी आशीर्वाद दिया था के वे भाद्रपद मे पूजे जाएंगे–
चतुर्थ्यां त्वं समुत्पन्नो भाद्रे मासि गणेश्वर।
असिते च तथा पक्षे चंद्रस्योदयने शुभे॥
हे गणेश्वर! तुम भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को शुभ चन्द्रोदय काल में उत्पन्न हुए हो और रात्रि के प्रथम प्रहर में गिरिजा के चित्त से तुम्हारा रूप आविर्भूत हुआ है, इसलिए उसी दिन तुम्हारा उत्तम व्रत होगा.
इसलिए भाद्रपद मास में गणेश चतुर्थी होती है और गणेश उत्सव मनाया जाता है, जिसमें गणपति जी की प्रतिमा 10 दिवस तक रखे जाने का विधान है. हालांकि भगवान गणेश के साथ ही भगवान कृष्ण का जन्म भी भाद्रपद की अष्टमी को हुआ था और षष्टी शुक्ल पक्ष को बलराम पैदा हुए थे (गर्ग संहिता अध्याय क्रमांक 10). इसलिए भाद्रपद में बलराम जयंती और कृष्ण जन्माष्टमी भी होती है.
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