श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी. यहां मंदिर परिसर में इस दिन मध्य रात्रि को बाल गोपाल का अभिषेक, पूजन होगा.
वहीं कान्हा की लीलास्थली कहे जाने वाले वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में 27 अगस्त 2024 को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. यहां बिहारी जी की भव्य मूर्ति स्थापित है. साल के 365 दिन इस मंदिर में भक्तों की भीड़ होती है. जन्माष्टमी पर प्रभु के खास दर्श होते हैं.
बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी पर शाम को आरती के बाद रात में भगवान का अभिषेक होगा. इसके बाद प्रभु बांके बिहारी की मंगला आरती होगी, जो साल में एक बार ही होती है.
जन्माष्टमी की रात 12 बजे बांके बिहारी जी का बाला महाभिषेक होगा, ये करीब 2 घंटे चलता है. इसके बाद ठाकुर जी को पीतांबरी पोशाख और मेवे से बनी पंजीरी का भोग लगाया जाएगा.
बांके बिहारी मंदिर का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यहां कृष्ण त्रि-मुड़ी मुद्रा में खड़े हैं, जो कि अनूठे संदर्भों में से एक हैं. यहां मूर्ति को लेकर कई रहस्य कायम हैं.
विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी जी के दर्शन श्रद्धालुओं को टुकड़ों में यानी रुक-रुककर कराए जाते हैं इसके लिए बांके बिहारी जी के आगे बार-बार पर्दा डाला जाता है.
कहते हैं कि बांके बिहारी जी की मूर्ति इतनी मनमोहक लोग उन्हें देखते ही उनकी ओर खींचे चले जाते हैं. भक्त श्रीकृष्ण की भक्ति में वशीभूत होकर अपनी सुध खो बैठता है. कहते हैं एक बार एक विधवा महिला ने संतान न होने के कारण भगवान को पुत्र मानकर सारी संपत्ति उनके नाम लिखवा दी.
मैया के प्रेम भाव को देखकर कन्हैया भी खुद को उसका पुत्र ही समझने लगे और उसके पीछे-पीछे उसके घर चले गए. पुजारी जी ने मंदिर में देखा तो मूर्ति नहीं थी. तब से पुजारी के बार-बार समझाने पर भगवान वापस लौटे उसके बाद से यहां हर 2 मिनट पर मूर्ति के सामने पर्दा डाला जाता है.
Published at : 23 Aug 2024 06:45 AM (IST)
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