हिंडनबर्ग रिसर्च
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अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने मंगलवार को सिलिकॉन-वैली स्थित कंपनी सुपर माइक्रो कंप्यूटर को निशाना बनाया है। हिंडनबर्ग ने अपनी एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसे सुपर माइक्रो कंप्यूटर के वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी, निर्यात नियंत्रण विफलता और ग्राहक संबंधी कुछ समस्याएं मिली हैं। हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि तीन महीने की जांच के बाद उसने यह रिपोर्ट जारी की है, उन्होंने कंपनी के पूर्व कर्मचारियों, उद्योग विशेषज्ञों और मुकदमेबाजी के रिकॉर्ड आदि की समीक्षा के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है।
सिलिकॉन वैली स्थित सर्वर कंपनी है सुपर माइक्रो कंप्यूटर
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने निवेशकों और उद्योग पर्यवेक्षकों के बीच चिंता पैदा कर दी है। आशंका है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद सुपर माइक्रो कंप्यूटर के शेयर्स की कीमतों में गिरावट आ सकती है और कंपनी की प्रतिष्ठा पर भी विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। सुपर माइक्रो कंप्यूटर इंक सिलिकॉन वैली, कैलिफ़ोर्निया में स्थित 35 अरब अमेरिकी डॉलर के बाजार मूल्य वाली सर्वर निर्माता कंपनी है, जो AI बूम के बीच भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। हिंडनबर्ग ने दावा किया कि साल 2018 में, वित्तीय विवरण दाखिल करने में विफल रहने के कारण सुपर माइक्रो को नैस्डैक से भी अस्थायी रूप से हटा दिया गया था।
हिंडनबर्ग ने सुपर माइक्रो कंप्यूटर पर लगाए ये आरोप
शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त 2020 तक, कंपनी पर लेखांकन उल्लंघन के भी आरोप थे। कंपनी पर आरोप है कि उसने मुख्य रूप से 20 करोड़ डॉलर से अधिक के अनुचित राजस्व दिखाया और खर्चों को कम करके दिखाया। जिसके चलते कंपनी की आय और लाभ मार्जिन में वृद्धि हुई। गौरतलब है कि हिंडनबर्ग ने स्वीकार किया है कि उसने कंपनी के स्टॉक में शॉर्ट पोजीशन ली है, जिसका मतलब है कि कंपनी के शेयरों में गिरावट होने पर हिंडनबर्ग को फायदा होगा। हालांकि हिंडनबर्ग ने अपनी पोजीशन के आकार या सुपर माइक्रो के शेयरों को शॉर्ट करना कब शुरू किया, इसका खुलासा नहीं किया। विशेष रूप से, इस साल सुपर माइक्रो के शेयरों में 93 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लेकिन पिछले छह महीनों में, शेयर में 36 प्रतिशत की गिरावट आई है।