नई दिल्ली. एक्ट्रेस से सांसद बनीं कंगना रनौत इन दिनों अपनी फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर सुर्खियों में हैं. फिल्म 6 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है. लेकिन रिलीज से पहले उन्हें फिल्म को लेकर विरोध का सामना करना पड़ रहा है. सिख समुदाय फिल्म पर बैन लगाने की मांग पर अड़ा हुआ है. वहीं, इस विरोध के बाद भी कंगना फिल्म के प्रमोशन में बिजी हैं. ‘पंगा क्वीन’ ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में न सिर्फ बॉलीवुड को होपलेस प्लेस बताया. उन्होंने यहां तक कह डाला कि बिरादरी के लोगों ने उन्हें नीचे खींचने की कोशिश की है.
कंगना रनौत अपने बेबाक बोल के लिए जानी जाती हैं. नेपोटिज्म के मुद्दे पर अक्सर कड़ी आवाज उठाने वाली कंगना ने बॉलीवुड को ‘होपलेस प्लेस’ बताते हुए बताया कि यहां वहीं लोग आसानी से आगे बढ़ते हैं, जिन्हें चीजें आसानी से मिल जाती हैं या फिर वो चापलूस या पिछलग्गू बन जाते हैं.
मेरे से कुछ खास लोगों को है दिक्कत
मैशेबल इंडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं बकवास करने वाले लोगों में से नहीं हूं. कुछ ही लोगों को मुझसे दिक्कत है, वरना तो आप देखेंगे कि मैंने चुनाव जीता है और जिस तरह का प्यार मुझे इंडस्ट्री से मिलता है. उससे मैंने अपने आपको और अपनी बात को साबित किया है तो अब दिक्कत मेरे साथ है या फिर उनके साथ है?’
‘होपलेस’ जगह है बॉलीवुड
कंगना ने बॉलीवुड में टैलेंटेड लोगों के करियर को बर्बाद करने पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो ये एक ‘होपलेस’ जगह है. इनका कुछ नहीं होने वाला. क्योंकि, एक तो वे टैलेंट से जलते और अगर उन्हें कोई टैलेंटेड मिल जाता है तो वे उसे खत्म करने के लिए उसके पीछे पड़ जाते हैं, उसका करियर बर्बाद कर देते हैं, उसका बहिष्कार कर देते हैं. गंदा पीआर करके उसको खूब बदनाम करते हैं’.
बॉलीवुड में ये सब होता है खुल्लम खुल्ला
यह पूछे जाने पर कि क्या यह चुपचाप होता है. उन्होंने साफ तौर पर कहा, ये चुपचाप नहीं खुलेआम होता है. इसी तरह वे लोगों का करियर चलाते हैं. वे केवल अपने लोगों का ही समर्थन करते हैं, जो औसत दर्जे के होते हैं और चापलूसी में लगे रहते हैं, उनके पिछलग्गू बन जाते हैं. वे सुविधा के आधार पर काम करते हैं, अगर ऐसा ही है तो दुनिया में कोई अच्छा कैसे करेगा?
कैंप्स बनाने में जुटे हैं फिल्म निर्माता
कंगना ने तब यह भी कहा कि फिल्म निर्माताओं की वर्तमान पीढ़ी औसत दर्जे के लोगों का समर्थन कर रही है, और कैंप बना रही है. यश चोपड़ा, के.आसिफ और अन्य जैसे फिल्म निर्माताओं की पुरानी पीढ़ी के साथ ऐसा मामला नहीं था. उन्होंने कहा, ‘यह उनके माता-पिता हैं, निर्देशकों की पुरानी पीढ़ी, जिनके पास विनम्रता का रवैया था, चाहे वह यश चोपड़ा हों या के आसिफ, बिमल रॉय, गुरु दत्त, आप उनकी ईमानदारी देखते हैं. वे अलग तरह के लोग थे. आज लोगों को देखो, वे सब कैंप्स बनाने में लगे हैं. सबसे बुरी बात यह है कि वे प्रतिभा से नफरत करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : August 28, 2024, 12:33 IST