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नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से दिसंबर के बजाय अप्रैल 2025 में व्यावसायिक उड़ानें शुरू होंगी। एयरपोर्ट का संचालन करने वाली कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (यापल) दिसंबर से ट्रायल रन शुरू करने के साथ ही हवाई अड्डा लाइसेंस के लिए भी आवेदन करेगी। पूर्व निर्धारित समय सीमा में करीब चार माह की देरी होने पर कंपनी को निर्धारित तिथि से 10 लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा।
यापल के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने बृहस्पतिवार को बताया कि निर्माण कार्यों की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अप्रैल 2025 के अंत में ही एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू होने की उम्मीद है। इससे पहले सितंबर या अक्तूबर तक एयरपोर्ट पर उड़ान अंशांकन (फ्लाइट कैलीब्रेशन) के लिए इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) स्थापित कर दिया जाएगा। दिसंबर में रनवे से ट्रायल उड़ानें शुरू कर दी जाएंगी।
कामर्शियल फ्लाइट को उड़ाकर परीक्षण किया जाएगा। इसी आधार पर रनवे की व्यावहारिक रिपोर्ट तैयार की जाएगी और इसके बाद विमानों की उड़ान के लिए लाइसेंस को आवेदन किया जाएगा। इस प्रक्रिया में चार से पांच महीने लग सकता है। अहम है कि जून में ही कंपनी ने अप्रैल में एयरपोर्ट के संचालन की जानकारी दी थी। मगर तत्कालीन मुख्य सचिव डा डीएस मिश्र की अध्यक्षता में हुई बैठक में हर हाल में दिसंबर तक उड़ान शुरू करने का लक्ष्य रखा गया था।
एयरपोर्ट के संचालन के लिए कंपनी पूर्व में ही ग्राउंड हैंडलिंग, वाणिज्यिक क्षेत्र के संचालन, रखरखाव के अनुबंध कर चुकी हैं। एयरपोर्ट से उड़ान के लिए कई एयरलाइनों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। मगर, तकनीकी अड़चनों को देखते हुए अप्रैल से पहले संचालन मुश्किल है।
एग्रीमेंट में दिसंबर के बाद प्रतिदिन 10 लाख जुर्माने का प्रावधान है। हम इस मुद्दे पर सरकार से वार्ता करेंगे और तकनीकी पहलुओं से अवगत कराएंंगे। हमारा प्रयास होगा कि जुर्माना नहीं लगाया जाए।
– किरण जैन, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, यापल
कार्गो सुविधा खुलने पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की क्षमता 1 लाख टन से अधिक हो जाएगी
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने गुरुवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के जेवर में नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कार्गो टर्मिनल और मल्टीमॉडल कार्गो हब पर विकास कार्य पूरे जोरों पर हैं और एयर इंडिया एसएटीएस के साथ साझेदारी में काम किया जा रहा है। वहां कार्गो क्षमता होगी। सुविधा खुलने पर एक लाख टन से अधिक कार्गो क्षमता होगी। श्नेलमैन ने बताया कि यात्री टर्मिनल पर भी काम जोरों पर है।
कार्गो टर्मिनल और मल्टीमॉडल कार्गो हब पर विकास कार्य भी पूरे जोरों पर हैं। हम एयर इंडिया एसएटीएस के साथ साझेदारी में काम कर रहे हैं जिन्होंने सुविधा को डिजाइन किया है, जो सुविधा का निर्माण कर रहे हैं और जो सुविधा का संचालन करेंगे। वहां सुविधा खुलने पर 1 लाख टन से अधिक कार्गो की क्षमता होगी और इसे मांग के साथ बढ़ने के लिए मॉड्यूलर फैशन में डिजाइन किया गया है। हम इस साल एयरोड्रम लाइसेंस के लिए अपना आवेदन जमा करने की योजना बना रहे हैं।