घटना स्थल पर जांच करती न्यायिक जांच आयोग की टीम
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सिकंदराराऊ के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में न्यायिक आयोग की टीम की जांच जारी है। 30 अगस्त को सिकंदराराऊ के नगर पालिकाध्यक्ष मोहम्मद मुशीर न्यायिक आयोग के समक्ष पेश हुए। उन्होंने आयोग को बताया कि हादसे के वह सीएचसी पर पहुंचे थे। वहां हालात खराब थे। चिकित्सा सुविधाएं नदारद थीं। बिजली नहीं थी। वह रात को 12 बजे तक वहां रुके थे।
पालिकाध्यक्ष से करीब एक घंटे तक आयोग के सदस्यों ने उनसे पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। न्यायिक आयोग की तीन सदस्यीय टीम की ओर से जिले में इस हादसे से जुड़े लोगों को नोटिस जारी हो रहे हैं। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, एडीएम, एएसपी और अन्य अधिकारियों को 3 सितंबर को लखनऊ में बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया गया है। आयोग अलीगढ़ जेल में बंद आरोपियों के बयान भी दर्ज करेगा। उनके अलावा अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक और चिकित्सा कर्मी भी बयान दर्ज कराने पहुंचे।
हाथरस से अग्निशमन विभाग के एक कर्मचारी को भी वहां बुलाया गया था। अब तक आयोग के समक्ष निलंबित एसडीएम सिकंदराराऊ रवेंद्र कुमार, सीओ डॉ. आनंद कुमार ने बयान दर्ज हो चुके हैं। उल्लेखनीय है कि इस मामले में पुलिस ने मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। सभी 11 आरोपी जेल में बंद हैं।