Published by: Mayank Tripathi
Updated Wed, 04 Sep 2024 11:26 PM IST
हरविंदर के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं रहा। उन्होंने संघर्षों से कभी मुंह नहीं मोड़ा और परेशानियों का डटकर सामना किया। उनकी कहानी तमाम लोगों के लिए प्रेरणादायक है। आइये जानते हैं…
हरविंदर सिंह
– फोटो : twitter
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पेरिस पैरालंपिक में भारतीय एथलीट्स का जलवा जारी है। बुधवार को तीरंदाज हरविंदर सिंह ने पुरुष रिकर्व के फाइनल में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। अब पेरिस पैरालंपिक में भारत के 22 पदक हो गए हैं। इनमें चार स्वर्ण, आठ रजत और 10 कांस्य हैं। इसी के साथ भारत पैरालंपिक की पदक तालिका में 15वें स्थान पर पहुंच गया है। हरविंदर ने फाइनल में पोलैंड के लुकास सिसजेक को 6-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता। यह तीरंदाजी में भारत का पहला पैरालंपिक स्वर्ण पदक है और साथ ही उनका दूसरा पैरालंपिक पदक भी है। हरविंदर के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं रहा। उन्होंने संघर्षों से कभी मुंह नहीं मोड़ा और परेशानियों का डटकर सामना किया। उनकी कहानी तमाम लोगों के लिए प्रेरणादायक है। आइये जानते हैं…