शिवाजी महाराज की गिरी हुई प्रतिमा।
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महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ध्वस्त होने के मामले में मूर्तिकार-ठेकेदार जयदीप आप्टे को गिरफ्तार कर लिया गया है। पिछले महीने राजकोट किले में प्रतिमा के गिरने के बाद से ही आप्टे फरार चल रहे थे। उन्हें ठाणे जिले के कल्याण से बुधवार की रात गिरफ्तार किया गया। आप्टे पिछले 10 दिनों से फरार चल रहे थे।
यह प्रतिमा अनावरण के नौ महीने से भी कम समय में ढह गई थी। तभी से सिंधुदुर्ग पुलिस आप्टे (24) की तलाश कर रही थी और सात टीमें बनाई थीं। प्रतिमा गिरने के बाद मालवन पुलिस ने आप्टे और संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल के खिलाफ लापरवाही और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया। पाटिल को पिछले हफ्ते कोल्हापुर से गिरफ्तार कर लिया गया था।
क्या है मामला?
दरअसल, इसी साल 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में स्थापित की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह गई थी। सिंधुदुर्ग जिले में चार दिसंबर, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना दिवस पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया था। 35 फीट की इस प्रतिमा का अनावरण नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया गया था।
प्रतिमा किस वजह से गिरी?
सिंधुदुर्ग में पिछले सप्ताह भारी बारिश और तेज हवाएं चली थीं। घटना के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तेज हवाओं के कारण प्रतिमा गिरने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘यह प्रतिमा नौसेना द्वारा स्थापित की गई थी। उन्होंने इसे डिजाइन भी किया था। लेकिन लगभग 45 किमी प्रति घंटा की तेज हवाओं के कारण यह गिर गई और क्षतिग्रस्त हो गई।’ इसके अलावा भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा कि प्रतिमा को असाधारण मौसम की स्थिति के कारण दुर्भाग्यपूर्ण क्षति हुई है।
संरचनात्मक इंजीनियर अमरेश कुमार ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘प्रतिमा मामले में, भार या जलवायु परिस्थितियों जैसे बाहरी कारणों से समस्या नहीं हुई है। बल्कि, नट और बोल्ट में जंग के कारण, जैसा कि पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट में जिक्र किया गया है, प्रतिमा के अंदर फ्रेम बनाने वाले स्टील की प्लेटों में खराबी आ सकती है।’
इस बीच, महाराष्ट्र कला निदेशालय के निदेशक राजीव मिश्रा ने कहा कि 35 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने की नहीं बल्कि 6 फीट ऊंची प्रतिमा बनाने की अनुमति दी गई थी। निदेशालय को इसकी वास्तविक ऊंचाई और इसके निर्माण में स्टील प्लेट के इस्तेमाल के बारे में जानकारी नहीं थी।
घटना के बाद सरकार ने क्या कदम उठाया?
महाराष्ट्र सरकार ने प्रतिमा गिरने के कारणों की जांच के लिए इंजीनियरों, आईआईटी विशेषज्ञों और नौसेना के अधिकारियों की एक तकनीकी समिति गठित की है। सिंधुदुर्ग के पुलिस अधीक्षक सौरभ अग्रवाल ने फोरेंसिक जांच के लिए धातु के नमूने पहले ही ले लिए हैं। उधर, पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल और कलाकार जयदीप आप्टे को गिरफ्तार कर लिया है।