असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा
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मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को कहा कि असम सरकार मूल लोगों के हितों की रक्षा के लिए असम समझौते के खंड 6 पर न्यायमूर्ति बिप्लब सरमा समिति की 52 सिफारिशों को लागू करेगी। असम समझौते के खंड 6 में कहा गया है कि असमिया लोगों की सांस्कृतिक, सामाजिक, भाषाई पहचान और विरासत की रक्षा के लिए उचित संवैधानिक, विधायी और प्रशासनिक सुरक्षा उपाय प्रदान किए जाएंगे। सीएम ने कहा कि पैनल की ये सिफारिशें अगले साल 15 अप्रैल तक लागू कर दी जाएंगी।
बता दें कि राज्य कैबिनेट ने बुधवार को अपनी बैठक में समिति की 67 में से 57 सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया था। कैबिनेट ने असम के स्वदेशी लोगों की भूमि, भाषा और संस्कृति की रक्षा और सुरक्षा के लिए पैनल की विभिन्न सिफारिशों पर विस्तार से चर्चा की थी।
सीएम सरमा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है, जिनमें से 52 को सीधे राज्य सरकार द्वारा लागू किया जा सकता है, पांच को राज्य और केंद्र सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया जा सकता है, जबकि बाकी केंद्र के दायरे में आते हैं।’
सरमा ने यह भी घोषणा की कि 52 सिफारिशें ज्यादातर स्वदेशी लोगों की भाषा और भूमि अधिकारों से संबंधित सुरक्षा उपाय हैं। सिफारिशों में बिना किसी देरी के समयबद्ध कार्य योजना बनाकर 1985 के असम समझौते का पूर्ण कार्यान्वयन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने समिति की सिफारिशों का सूक्ष्मता से विश्लेषण किया है।
उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में हम इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे कि जटिल मुद्दों को कैसे संबोधित किया जाए, लेकिन अब हमने उन मुद्दों को लागू करने का फैसला किया है जो राज्य सरकार के दायरे में हैं।’ सरमा ने कहा कि मंत्रियों का समूह हर महीने ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) और अन्य संगठनों के साथ इस मामले पर चर्चा करेगा और ‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सिफारिशें अप्रैल में बोहाग बिहू द्वारा लागू की जाएं।’
सिफारिशें केवल ब्रह्मपुत्र घाटी के जिलों में लागू होंगी, बराक घाटी के तीन जिलों- दिमा हसाओ, कार्बी आंगलोंग और बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) के छठी अनुसूची क्षेत्रों में नहीं।
सरमा ने बताया कि कुछ सिफारिशें, जैसे विधानसभा, लोकसभा और पंचायत चुनावों में असमिया लोगों के लिए 80 प्रतिशत सीटों का आरक्षण, बराक घाटी और छठी अनुसूची क्षेत्र में विविध आबादी के कारण राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित नहीं की जा सकती हैं। सरमा ने कहा, ‘इसे वहां लागू किया जाएगा या नहीं, इस पर निर्णय लेने से पहले बराक घाटी और छठी अनुसूची क्षेत्रों में संबंधित अधिकारियों के साथ परामर्श किया जाएगा।’