पीएम मोदी
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चार दशक से अधिक समय बाद किसी प्रधानमंत्री की डोडा में रैली होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 14 सितंबर को डोडा स्टेडियम में रैली प्रस्तावित है। इसमें पूरी चिनाब वैली के आठ विधानसभा हलकों के प्रत्याशियों के पक्ष में वह वोट मांगेंगे। इससे पहले 1979 में प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी की स्टेडियम में सभा हुई थी।
2014 के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री की किश्तवाड़ में सभा हुई थी। इस बार डोडा से चिनाब वैली को साधने की रणनीति के तहत तय किया गया है कि यहीं पर डोडा जिले की तीन सीटों डोडा, डोडा पश्चिम व भद्रवाह, किश्तवाड़ जिले की तीन सीटों किश्तवाड़, पाडर-नागसेनी व इंद्रवल तथा रामबन जिले की दो सीटों रामबन व बनिहाल के पार्टी प्रत्याशी व समर्थक जुटेंगे। इन आठ सीटों पर दो पूर्व मंत्री शक्ति राज परिहार व सुनील शर्मा, एक पूर्व विधायक दलीप सिंह परिहार मैदान में हैं। इसके अलावा किश्तवाड़ से आतंकियों की गोलियों का शिकार बने परिहार बंधुओं के परिवार की शगुन परिहार, रामबन से राकेश ठाकुर, डोडा से गजय सिंह राणा को नए चेहरे के रूप में उतारा गया है।
लोकसभा चुनाव के बाद डोडा में हुई आतंकी घटनाओं के बाद अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव की तुलना में अतिरिक्त फोर्स का प्रबंध किया गया है। इसके साथ ही विलेज डिफेंस ग्रुप (वीडीजी) को भी अत्याधुनिक हथियारों के साथ सक्रिय किया गया है। मंगलवार की शाम डोडा में रैली की तैयारियों को लेकर हुई बैठक में तय किया गया कि प्रधानमंत्री के हेलिकॉप्टर को उतारने की व्यवस्था पुलिस लाइन में होगी। यहां से रैली स्थल पास है।
किश्तवाड़, भद्रवाह तथा डोडा के अन्य इलाकों से आने वाले वाहनों को पुल डोडा के आसपास ही रोकने की व्यवस्था रहेगी। पीएम की सुरक्षा में एसपीजी की टीम पहुंच चुकी है। मंगलवार की शाम को स्टेडियम में वाटरप्रूफ पंडाल बनाने की सामग्री भी आ गई है। उम्मीद है कि बुधवार से पंडाल बनाने का काम शुरू हो जाएगा। रैली प्रभारी मुनीश शर्मा पूरी तैयारियों को मुकम्मल करने में जुटे हुए हैं।
चिनाब वैली से सत्ता की निकलेगी चाबी
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि चिनाब वैली से सत्ता की चाबी निकलेगी। पहली बार 2014 में डोडा व किश्तवाड़ की चार सीटों में तीन पर कमल खिला था। इसमें डोडा, भद्रवाह व किश्तवाड़ की सीट शामिल थी। पार्टी का मानना है कि इस बार भी पुराने प्रदर्शन को देखते हुए डोडा, किश्तवाड़ व रामबन की आठ सीटों पर जीत की रणनीति बनाई गई है। यदि पार्टी का चिनाब वैली में बेहतर प्रदर्शन रहा तो भाजपा के हाथों सत्ता की चाबी लग सकती है।