महाराष्ट्र के राज्य मंत्री धर्मराव बाबा आत्रम।
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महाराष्ट्र के राज्यमंत्री धर्मराव बाबा आत्रम की बेटी भाग्यश्री ने गुरुवार को शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की सदस्यता ली। माना जा रहा है कि वह अपने पिता के खिलाफ विधानसभा चुनाव में एनसीपी (शरद) से चुनाव लड़ सकती हैं। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और नेता अनिल देशमुख ने उनको गढ़ चिरौली के अहेरी में हुए कार्यक्रम में पार्टी की सदस्यता दिलाई।
बीते शुक्रवार को एनसीपी (अजित) के प्रमुख अजित पवार ने गढ़ चिरौली में एक कार्यक्रम के दौरान राज्यमंत्री आत्रम की बेटी भाग्य श्री को एनसीपी (शरद) में शामिल होने से रोकने की कोशिश की थी। उन्होंने रैली में कहा था कि बेटी को उसके पिता से ज्यादा कोई प्यार नहीं करता। बेलगाम में शादी करके उसे देने के बावजूद, वह (आत्रम) गढ़चिरौली में उसके साथ खड़ा रहा और उसे जिला परिषद का अध्यक्ष बनाया। अब आप (भाग्यश्री) अपने ही पिता के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं। क्या यह सही है? अजित पवार ने कहा, आपको अपने पिता का समर्थन करना चाहिए और उन्हें जीतने में मदद करनी चाहिए।
मगर भाग्यश्री ने एनसीपी (शरद) की सदस्यता ले ली। भाग्यश्री ने कहा कि जब 1991 में उनके पिता का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था, तो वह शरद पवार ही थे जिन्होंने उनकी सुरक्षित वापसी कराई थी। यह आभार व्यक्त करने का मेरा तरीका है। मुझे अफसोस है कि अजित पवार के महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी बंट गई और उनके पिता ने शरद पवार का साथ छोड़ दिया।
एनसीपी (शरद) के प्रदेश अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि भाग्यश्री को अपने पिता का फैसला मंजूर नहीं था। विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए), जिसमें एनसीपी (शरद), कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) शामिल है, राज्य में अगली सरकार बनाएगी और जिन सीटों पर चुनाव लड़ेगी, उन्हें जीतने के लिए संघर्ष करेगी। उन्होंने कहा कि हम गढ़चिरौली के स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए काम करेंगे। आदिवासी युवाओं को नौकरी के लिए कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पाटिल ने अफसोस जताया कि जिले में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की बसों, जिला परिषद स्कूलों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की कमी है। वहीं पार्टी नेता अनिल देशमुख ने कहा कि संविधान पर खतरा अब भी बना हुआ है। इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है।