कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश रचने के मामले में चल रही जांच में एजेंसियों को बड़ा सुराग हाथ लगा है। जांच एजेंसियों ने नेवादा टोल प्लाजा से मिले फुटेज के आधार पर जिन बाइक सवार दो युवकों को संदिग्ध की सूची में डालकर तलाश शुरू की थी, उनसे मिलते-जुलते हुलिये वाले युवक छिबरामऊ की मिठाई की दुकान के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए हैं। इसी मिठाई की दुकान के कैरीबैग में घटनास्थल से जांच अधिकारियों को विस्फोटक और पेट्रोल रखा मिला था।
बैग मिलने के बाद ही एक टीम ने उस दुकान के सीसीटीवी कैमरे की डीवीआर को कब्जे में लेकर फुटेज खंगालने शुरू किए थे। अभी तक की जांच में घटना वाले दिन घटनास्थल के आसपास भी ऐसे ही हुलिये वाले दो युवकों को देखने की बात सामने आई है, इसलिए अब एनआईए और एटीएस ने अपना फोकस इन दोनों संदिग्धों पर केंद्रित कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि चूंकि शहर की सीमाएं सील की जा चुकी हैं और बिना सघन चेकिंग के किसी भी वाहन को जिले से बाहर जाने नहीं दिया जा रहा।
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साथ ही नेवादा टोल व जिले व आसपास के अन्य टोल, रेलवे स्टेशन व बस अड्डों के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में दोनों संदिग्धों से मिलते-जुलते हुलिये वाले व्यक्ति की गतिविधि नहीं दिखी है। ऐसे में जांच एजेंसियां मान रही हैं कि साजिशकर्ता शहर में ही छिपे हुए हैं और जांच के ठंडा होने का इंतजार कर रहे हैं। ताकि बाद में वे जिला छोड़ सकें।
चूंकि छिपने के लिए मिश्रित आबादी के अलावा व सेंट्रल रेलवे स्टेशन के आसपास के छोटे और लो प्रोफाइल होटल मुफीद जगह माने जाते हैं। ऐसे में एजेंसियां ऐसे इलाकों के एक-एक होटल के सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुट गई है। इसके अलावा वहां के चौराहों पर लगे कैमरों की भी सीसीटीवी फुटेज को भी स्कैन किया जा रहा है।
स्थानीय मददगारों की भी हो रही तलाश
संदिग्धों की तलाश के साथ ही एजेंसियों व पुलिस के अधिकारी उनके कथित स्थानीय मददगारों की भी तलाश कर रहे हैं। इस क्रम में प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े रहे या उनके किसी भी रूप में संपर्क में रहे लोगों को चिह्नित कर उनकी गतिविधियों की जांच की जा रही है। साथ ही पूर्व में किसी भी तरह की समाज में विद्वेष फैलाने वाली घटनाओं में शामिल रहे लोग भी एजेंसियों के रडार पर आ गए हैं।
500 कैमरों की फुटेज हो चुकी चेक, 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ
एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि इस घटना के सुराग तलाशने में लगी अलग-अलग टीमें अबतक 500 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के कई सौ घंटों के फुटेज चेक कर चुकी हैं। साथ ही 50 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई है। उनसे जो भी जानकारी मिली है, उसके आधार पर जांच की आगे की दिशा को तय कर अधिकारी अगले कदम उठा रहे हैं।
10 किलोमीटर की परिधि में हर संदिग्ध व्यक्ति पर नजर
कालिंदी एक्स्प्रेस को बर्निंग ट्रेन बनाने की साजिश के मामले में अभी तक भले ही कोई व्यक्ति जांच एजेंसियों के हत्थे न चढ़ा हो, लेकिन टीमें घटनास्थल के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले हर उस व्यक्ति की पिछले कुछ समय की गतिविधियों की जांच में जुटी हैं, जो सोशल मीडिया या सामाजिक रूप से भी सरकार या देश विरोधी बात या पोस्ट कर चुका है।