प्रतीकात्मक तस्वीर।
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उत्तर प्रदेश में भारी बारिश से पिछले चौबीस घंटे में सात और लोगों की जान चली गई। इनमें एक की मौत आकाशीय बिजली और छह की मौत अतिवृष्टि की वजह से हुई। कन्नौज, श्रावस्ती, मथुरा, इटावा, बुलंदशहर, अमरोहा और गाजियाबाद में बारिश का कहर टूटा। श्रावस्ती में दो और अन्य सभी जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
इस अवधि में सबसे ज्यादा वर्षा अमरोहा, बंदायू, बिजनौर और बहराइच में हुई जबकि सबसे कम वर्षा वाले जिले बलिया, महाराजगंज, देवरिया, बांदा, झांसी, अयोध्या, फतेहपुर, अंबेडकरनगर, आजमगढ़, गाजीपुर, अमेठी, कुशीनगर, चंदौली, महोबा, सोनभद्र, रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रयागराज आदि रहे। भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, मउ और मिर्जापुर सूखे रहे।
बलरामपुर में राप्ती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेमी नीचे है। तटबंधों की सुरक्षा और निगरानी के लिए 32 बाढ़ चौकियां, 32 मेडिकल टीमें और 19 बाढ़ शरणालय की स्थापना की गई है। चौबीस घंटे कंट्रोल रूम चल रहे हैं। गोरखपुर, महाराजपुर और सिद्धार्थनगर में भी बाढ़ की स्थिति नहीं है। श्रावस्ती में राप्ती खतरे के निशान से 6 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। 19 बाढ़ चौकियां सतत निगरानी कर रही हैं।
बारिश के आधार पर जिलों का वर्गीकरण
-अधिक वर्षा वाले जिलों की संख्या – 15 (120 प्रतिशत से अधिक बारिश)
-सामान्य वर्षा वाले जिले – 32 (80 से 120 प्रतिशत)
-कम वर्षा वाले जिले – 14 (60 से 80 प्रतिशत)
-अत्यधिक कम वर्षा वाले – 11 (40 से 60 प्रतिशत)
-40 प्रतिशत से कम वर्षा वाले – 03