Building Collapse in Meerut Photos: मेरठ की जाकिर कॉलोनी में हादसे का शिकार हुए तीन मंजिला मकान की नींव कमजोर हो चुकी थी। परिवार के लोग मकान के ऊपरी मंजिल में जरूरत के हिसाब से समय समय पर निर्माण कराते रहे। लेकिन नींव को मजबूत करने का प्रयास नहीं किया गया। नींव में डेयरी में इस्तेमाल होने वाला पानी, गंदगी और बाहरी दीवारों में चार दिन से हो रही बारिश का पानी रिसता गया। इससे मकान ढह गया और सात लोगों की जान चली गई और जबकि कई जिंदगी मुश्किल में फंस गई।
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मलबे में तब्दील हुआ मकान 300 गज का और 50 वर्ष पुराना था। भूतल पर 20 साल से अलाउद्दीन और उनके इंतकाल के बाद चार बेटे साजिद, नदीम, नईम, शाकिर पशुओं की डेयरी चला रहे थे। ऊपरी मंजिल पर चारों भाइयों का परिवार रहता था।
पूरे मकान में केवल एक पिलर था और यह गेट पर था। मकान की दीवार भी चार इंच की थी। मकान से पानी निकालने के इंतजाम नहीं थे। पशुओं की गंदगी दीवारों पर ही जमा हो रही थी। लिंटर के नीचे परिवार दबा था, जिनको निकालना मुश्किल हो रहा था।
छह दिन पहले धंसा था मकान का छोटा हिस्सा
छह दिन पहले मकान का एक छोटा सा हिस्सा धंस गया था, जिसे परिवार ने अनदेखा किया था। चार दिन से बारिश हो रही थी, जिसके चलते मकान की नींव खोखली हो गई। शनिवार शाम 4:30 बजे मकान की ऊपरी मंजिल पर साजिद, उसके तीनों भाइयों का परिवार मौजूद था। अचानक तीन मंजिला मकान धंस गया और पूरा परिवार मलबे में दब गया।
कालोनियों में संचालित हो रहीं डेयरी, जिम्मेदारों ने मूंदी आंखें
शहर की कई कॉलोनियों में अनगिनत डेयरियां संचालित की जा रही हैं। डेयरी संचालक व उनके कर्मचारी गंदगी को कॉलोनी या आसपास फेंक देते हैं। निवासी और पार्षद इनकी शिकायत कई बार अधिकारियों से कर चुके हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने कार्रवाई के बजाय आंखें मूंद रखीं हैं। ये डेयरियां न केवल गंदगी फैलाकर लोगों स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही हैं बल्कि कभी भी जाकिर कालोनी जैसे हादसे की पुनरावृत्ति कर सकती हैं।