मणिपुर में विरोध प्रदर्शन
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मणिपुर एक बार फिर अशांति से जूझ रहा है। मणिपुर में बीते साल मई में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हुई जातीय हिंसा की घटनाओं के बाद से हालात शांत लेकिन तनावपूर्ण हैं। ताजा घटनाक्रम में प्रदर्शनों के दौरान इस्तेमाल होने वाले अत्याधुनिक हथियारों पर पुलिस ने चिंता जाहिर की है। मणिपुर के पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) एन. हीरोजीत सिंह ने कहा, विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल चिंताजनक है। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रखने और हथियारों का इस्तेमाल करने से परहेज करने का आग्रह किया। रेंज 1 के डीआईजी एन. हीरोजीत सिंह ने कहा, इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान हमारे कई कर्मी हताहत हुए हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग का कर्तव्य कानून-व्यवस्था बरकरार रखते हुए असमाजिक तत्वों द्वारा किए जाने वाले सशस्त्र हमलों का माकूल जवाब देना है। डीआईजी हीरोजीत सिंह ने कहा, हाल के आंदोलनों में, विरोध के तरीकों में बदलाव आया है। प्रदर्शनकारियों की भीड़ में शामिल उपद्रवी सुरक्षाबलों को निशाना बना रहे हैं। पत्थरबाजी के अलावा गुलेल से लोहे के टुकड़े फेंके जा रहे हैं। आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल भी हो रहा है। पुलिस के पास हथियारों से गोलीबारी के सबूत भी हैं।
डीआईजी ने बताया कि खाबेइसोई में स्वचालित हथियारों से गोलीबारी में इंफाल ईस्ट कमांडो के एक अधिकारी और एक अन्य कर्मी घायल हो गए। इंफाल पश्चिम जिले के काकवा में सुरक्षाबलों के वाहनों पर स्वचालित हथियारों से गोलीबारी के निशान हैं। उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण हालात के बावजूद पुलिस प्रदर्शनकारियों से निपटने में अधिकतम संयम बरत रही है। अभी तक स्वचालित हथियारों की गोलीबारी के जवाब में पुलिस की ओर से कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि उपद्रव बढ़ने पर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ता है. न्यूनतम, गैर-घातक दंगा-रोधी उपाय करने पर भी प्रदर्शनकारी घायल हो जाते हैं। गैर-स्थानीय प्रदर्शनकारियों के मुद्दे पर डीआईजी ने कहा, विरोध प्रदर्शनों के दौरान हमने इलाके के बाहर से आए लोगों को हिरासत में लिया है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक संवेदनशील इलाकों में घुसने और सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विरोध प्रदर्शनों की लाइव कवरेज न करने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा, इससे अन्य लोग भी ऐसी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसावे का शिकार हो सकते हैं।