सांसद रवि किशन
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सांसद रवि किशन शुक्ला ने श्रद्धांजलि सभा में कहा कि महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ दूरद्रष्टा संत थे। उन्होंने शिक्षा के साथ ही चिकित्सा स्वास्थ्य की मजबूती को लेकर जो प्रयास किए वह अनिर्वचनीय हैं। दोनों ही महंत, संत के साथ योद्धा भी थे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में पांच सौ साल बाद राम मंदिर बन पाया है तो यह गोरक्षपीठ और इसके पीठाधीश्वरों की देन है।
कहा, 500 वर्ष बाद राम मंदिर बना, इसके आंदोलन शुरुआत गोरखपीठ से ही हुई थी। उन्होंने श्रद्धांजलि सभा में मौजूद पूजा पद्धति और कर्मकांड की शिक्षा ले रहे युवाओं से अपील की। कहा, शस्त्र भी चाहिए शास्त्र के साथ। बताया खुद पुजारी का लड़का हूं। जितनी समझ है उसके हिसाब से आगे आप संत, महात्मा, पुजारी बनेंगे। लेकिन, योद्धा भी बनिए।
देख ही रहें हैं बालाजी मंदिर में कैसे मटन और बीफ के मीट को पीसकर मिलाकर लड्डू तैयार कर प्रसाद हिंदुओं को दिया जा रहा है। मंदिर जो चला रहे थे वो हिंदू नहीं थे और ये विषय आज पूरे विश्व में चर्चित है कि बीफ का मटन दिया जा रहा था प्रसाद वाले लड्डू में। अब ये समय आ गया है कि शस्त्र और शास्त्र को एक साथ चलने की जरबरत है।