Atul Kumar
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद छात्र अतुल कुमार खुश दिखाई दिया। अतुल ने कहा कि कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की थी, लेकिन आईआईटी की सीट संघर्ष से मिली। अब पढ़ाई का उसका सपना पूरा हो जाएगा। अपने परिवार के लिए भाइयों की तरह ही वह भी कुछ करना चाहता है।
खतौली के टिटौड़ा गांव से अनुसूचित जाति का मजदूर राजेंद्र कुमार अपने बेटे अतुल कुमार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंचा था। जैसे ही सुप्रीम अदालत के फैसले की जानकारी मिली, उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
छात्र ने कहा कि पलभर में सारे संघर्ष की थकान खत्म हो गई। मेरा सपना अब पूरा हो सकेगा। राजेंद्र सिंह कहते हैं कि हमे सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद थी और इंसाफ मिल गया। अब जल्द ही प्रवेश की प्रक्रिया पूरी करा दी जाएगी।
क्या था मामला
खतौली क्षेत्र के टिटौड़ा गांव निवासी अनुसुचित जाति के मजदूर राजेंद्र कुमार के बेटे अतुल की जेईई की परीक्षा में 1455वी रैंक आई थी। इसके आधार पर आईआईटी धनबाद में प्रवेश लेना था। छात्र का सपना था कि वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से पढ़ाई करें, लेकिन यह सपना अभी अधूरा है। असल में 24 जून की शाम पांच बजे तक शुल्क जमा करना था, लेकिन परिवार 17500 रुपये नहीं जुटा सका था। वेबसाइट बंद हो गई और प्रवेश नहीं मिल था।