मां स्कंदमाता अपनी गोद में कार्तिक भगवान को बैठाए हुए हैं. कार्तिक भगवान का दूसरा नाम स्कंद कुमार भी है, यही वजह है कि देवी की पांचवी शक्ति को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है.
मां स्कंदमाता की कृपा से बुद्धि में वृद्धि होती और ज्ञान रूपी आशीर्वाद मिलता है. जीवन में आ रही सभी तरह की व्याधियों का भी अंत होता है. संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूर होती है.
मां स्कंदमाता की कृपा से बुद्धि में वृद्धि होती और ज्ञान रूपी आशीर्वाद मिलता है. जीवन में आ रही सभी तरह की व्याधियों का भी अंत होता है. संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूर होती है.
स्कंदमाता कुमकुम, हल्दी, चावल आधि पूजा सामग्री चढ़ाए हुए ऊं स्कंदमात्रै नम: मंत्र का जाप करें, इस मंत्र के जाप से संतान सुख प्राप्त होता है. उपासक तेज और कांतिमय हो जाता है.
स्कंदमाता कुमकुम, हल्दी, चावल आधि पूजा सामग्री चढ़ाए हुए ऊं स्कंदमात्रै नम: मंत्र का जाप करें, इस मंत्र के जाप से संतान सुख प्राप्त होता है. उपासक तेज और कांतिमय हो जाता है.
मां स्कंदमाता को विद्यावाहिनी, माहेश्वरी और गौरी के नाम से भी जाना जाता है.
Published at : 06 Oct 2024 08:14 PM (IST)
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