नई दिल्ली. जावेद अख्तर बॉलीवुड के सबसे दिग्गज लेखकों में से एक हैं. सलीम खान संग मिलकर उन्होंने ‘दीवार’ ‘शोले’, ‘काला पत्थर’, ‘सीता और गीता’, ‘दोस्ताना’, ‘हाथी मेरे साथी’, ‘जंजीर’ जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्में लिखी हैं, लेकिन लेखक और गीतकार के बच्चों को ही उनपर भरोसा नहीं है. हाल ही में जावेद अख्तर ने बताया कि उनके बच्चे उन्हें ओल्ड फैशन कहकर उनके डायलॉग्स को रिजेक्ट कर देते हैं.
सपना वर्मा को दिए इंटरव्यू में जावेद अख्तर ने बताया कि उनके बच्चे जोया और फरहान को उनकी लिखी हुई लाइन्स आउटडेटेड और ओल्ड फैशन लगती है. वो कहते हैं, ‘उनके लिए मेरा बॉस बनना काफी आसान है. बाकी लोग संकोच करते हैं कि मैं वरिष्ठ और दिग्गज हूं, लेकिन मेरे बच्चे इसका बिलकुल भी लिहाज नहीं करते हैं. फरहान मेरे साथ लड़ता नहीं है वो बस मेरी लाइन को रिजेक्ट कर देता है. वहीं जोया मेरे साथ लड़ाई करती है’.
25 साल में फरहान के लिए लिखी सिर्फ 1 फिल्म
वो आगे कहते हैं, ‘उन दोनों की पहली भाषा इंग्लिश है. वो सपने भी इंग्लिश में ही देखते हैं. मेरी भाषा उर्दू और हिंदी है जिस भाषा में वो फिल्में बनाते हैं, मैं उसे उनसे बेहतर समझता हूं. लेकिन फिर भी वो दोनों मुझे आउटडेटेड और ट्रेडिशनल कहते हैं. पिछले 25 साल में मैंने फरहान के लिए सिर्फ एक स्क्रिप्ट (लक्ष्य के लिए) लिखी है. वहीं जोया की डेब्यू फिल्म ‘लक बाय चांस’ के लिए मैंने चंद डायलॉग्स लिखे थे’.
जोया ने दोबारा नहीं दिया पिता को मौका
जावेद अख्तर आगे बताते हैं, ‘जोया ने शुरू में मुझसे कहा था कि मैं किरदारों को उससे बेहतर समझता हूं और उसने मुझे कुछ संवाद लिखने के लिए कहा था, लेकिन फिर उसने दोबारा कभी नहीं कहा’. उन्होंने आगे बताया कि जोया ने फिल्म ‘दिल धड़कने दो’ में उन्हें कुत्ते का संवाद लिखने के लिए कहा था.
सिर्फ कुत्ते के लिखवाए डायलॉग
उन्होंने पिता से कहा था कि फिल्म में कुत्ते के जज्बात उनसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता और इसी वजह से फिल्म ‘दिल धड़कने दो’ में जोया अख्तर ने पिता जावेद से सिर्फ कुत्ते के ही डायलॉग लिखवाए थे.
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FIRST PUBLISHED : October 8, 2024, 10:36 IST