Dussehra 2024: दशहरा के दिन रावण दहन का ही लोगों को पता होता हैं, लेकिन कई लोगों को यह नहीं पाता की दशहरा के दिन भगवान राम ने किष्किंधा से अपनी विजय यात्रा की शुरुआत की मां भवानी का आशीर्वाद प्राप्त करनें के पश्चात और दशहार के दिन शास्त्र पूजा का विधान है खसकर हमारे क्षत्रीय बंधुओ के लिए. इसका वर्णन शास्त्रों में है.
दशहरा का अर्थ क्या है?
शास्त्रों के अनुसार, ब्रह्म पुराण 60.15 अनुसार दस पापों को नष्ट होना दशहरा का अर्थ माना गाया हैं, स्कंद पुराण उत्तररार्द्ध 3.52.92 अनुसर दशहरा को दस जन्मों के पाप नष्ट होते हैं.
दशहार के दिन राम जी ने विजय यात्रा का प्रारंभ किया था
दशहरा अथवा विजय दशमी अर्थात नवरात्रि का दसवां दिन. देवी पुराण 3.27.49 अनुसार दशमी के दिन प्रभु राम ने देवी जी का नवरात्र व्रत पूर्ण कर के किष्किंधा से लंका की ओर प्रस्थान किया था इसलिए इसे विजय दशमी बोलते है. भगवान राम ने देवी से विजय का आशीर्वाद मांगा था इसलिए विजय दशमी के दिन लोग शस्त्र पूजा करते हैं.
दशहरा में की जाने वाली शास्त्र पूजा :–
भविष्य पुराण उत्तर पर्व अध्याय 138 अनुसार जिस व्यक्ति को विजय की आस है वह विजय दशमी को अपने शास्त्र की पूजा करे.
दशहरा के दिवस रावण को हराने के बाद विजय उत्सव :–
कालिका पुराण 60.26–38 अनुसार रावण अश्विन नवमी को मरा था और दशमी के दिवस विजय उत्सव मनाया गया था (व्यतीते सप्तमे रात्रे नवम्यां रावणं ततः . रामेण घातयामास महामाया जगन्मयी)
(विजयोत्सव – आश्विन शुक्ला दशमी . ततस्तु श्रवणेनाऽथ दशम्यां चण्डिकां शुभाम् . विसृज्य चक्रे शान्त्यर्थं बल-नीराजनं हरिः ..).
आज का दिवस बहुत महत्त्व रखता है राम भक्तों के लिए. दशहार के दिन सत्य पर असत्य की विजय हुई थी, न्याय की अन्याय से विजय हुई थी और नीति की अनीति से विजय हुई थी इसलिए इसे विजयदशमी भी कहा जाता हैं.
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