प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि गुजरात के लोथल में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर बनाने के उनकी सरकार के फैसले का मकसद सभ्यता के इतिहास के बारे में लोगों की समझ विकसित करना है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन पर ‘आइए, पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करें’ शीर्षक वाले पोस्ट में कहा कि नई परियोजना निश्चित तौर पर इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों के बीच समान रूप से उत्साह बढ़ाएगी।
पीएम मोदी ने कहा कि इस तरह के प्रयास से पर्यटन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, जिसे भारत में विकास के एक प्रमुख ताकत के रूप में देखा जाता है। पीएम ने कहा, ‘‘जब पर्यटन बढ़ता है तो सभी की आय बढ़ती है। मैं आप सभी अग्रणी और सम्मानित पेशेवरों से आग्रह करता हूं कि आप पर्यटन क्षेत्र में नए अवसरों का पता लगाएं और इस पर अपने विचार मेरे साथ साझा करें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह, हम एक मजबूत अर्थव्यवस्था में योगदान देंगे और साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए अपने समृद्ध अतीत को संरक्षित करेंगे। यह परिसर प्राचीन लोथल को डॉक शहर की मिनी प्रतिकृति के रूप में फिर से जीवंत करेगा।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लोथल एक समय सभ्यताओं, विचारों और वस्तुओं का जीवंत समागम स्थल था और खुदाई से इसकी भूमिका एक महत्वपूर्ण समुद्री केंद्र के रूप में दिखती है। उन्होंने कहा कि हजारों साल पहले बनाए गए डॉक, हमारे पूर्वजों की सरलता की भावना दर्शाते हैं।
‘आजादी के बाद नहीं दिया गया ऐतिहासिक स्थलों पर ध्यान’
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसकी उन्नत इंजीनियरिंग और शहरी नियोजन आधुनिक पर्यवेक्षकों को चौंका देती है। यह हमारे अतीत की प्रतिभा का एक नमूना मात्र है। उन्होंने कहा, ‘‘अफसोस है कि आजादी के बाद के दशकों में हमने अपने इतिहास के कई पहलुओं और कई ऐतिहासिक स्थलों को नजरअंदाज कर दिया, जिससे हमारा समृद्ध अतीत खोता जा रहा है।’’
मोदी ने कहा कि हालांकि, पिछले 10 वर्षों में इस प्रवृत्ति में बदलाव देखा गया है। उन्होंने कहा कि इसी भावना के साथ उनकी सरकार ने एक जीवंत राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इससे सभ्यता के इतिहास की हमारी समझ विकसित होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘इस परिसर के केंद्र में एक प्रतिष्ठित लाइटहाउस संग्रहालय खड़ा होगा, जो 77 मीटर ऊंचा है और यह दुनिया में अपनी तरह का सबसे ऊंचा होगा।’’ बता दें कि लोथल अहमदाबाद जिले के धोलका तालुका में आता है और यह नेशनल हाईवे-47 और स्टेट हाईवे-8 के करीब स्थित है। यह स्थल तीन गांवों से घिरा हुआ है: सरगवाला, उतेलिया और गुंडी। यहां मुख्य तौर पर कृषि ही आय का स्रोत और व्यवसाय है।