केस को लेकर जानकारी देते वकील और अन्य
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कांग्रेस पार्टी नेता और आराध्यम इंफ्रा बिल्डर्स कंपनी के पूर्व डायरेक्टर सचिन चौधरी और उनकी पत्नी आभा चौधरी और एक अन्य आरोपी संदीप धोखाधड़ी और गबन के मामले में अदालत में सरेंडर किया। दोनों के खिलाफ अदालत वारंट जारी हुए थे। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद उन्हें बीस हजार रुपये के निजी बंध पत्र दाखिल करने के बाद रिहा कर दिया।
गलशहीद थाना क्षेत्र के सीधी सराय निवासी शहजाद अहमद ने 2021 में अदालत में वाद दाखिल किया था। जिसमें उन्होंने बताया था कि उनके 2016 क्षेत्र के रहने वाले अकबर नाम के व्यक्ति उनके पास आए। उन्होंने बताया कि आराध्यम इन्फ्रा बिल्डर्स कंपनी काफी सस्ते में प्लाट बेच रही है। कंपनी दिल्ली रोड पर जोया के कॉलोनी बना रही है।
जिसके बाद कंपनी के डायरेक्टर सचिन चौधरी, सह डायरेक्टर आभा चौधरी और मार्केटिंग हेड मोहित पांडे और संदीप ने शहजाद अहमद को बताया कि यदि वह एक से अधिक प्लाट लेते हैं तो काफी छूट दी जाएगी। तब शहजाद अहमद ने छह प्लाट बुक कराकर 12 लाख रुपये सचिन चौधरी को दे दिए लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी प्लाट की रजिस्ट्री नहीं कराई गई।
जिसकी शिकायत सचिन चौधरी से की, तब उन्होंने मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद सचिन चौधरी ने आराध्यम इंफ्रा बिल्डर्स कंपनी के डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया। शहजाद के वकील मोहम्मद आरिफ ने बताया परिवाद की सुनवाई अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में की जा रही है।
इस मामले में अदालत ने सचिन चौधरी, आभा चौधरी, और संदीप को गबन की धारा और मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में तलब किया था। नौ अक्तूबर 2024 को गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। बृहस्पतिवार को सचिन चौधरी, आभा चौधरी और संदीप सिंह अदालत में हाजिर हुए।
अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद तीनों आरोपियों को बीस बीस हजार रुपये के निजी बंध पत्र दाखिल करने पर रिहा कर दिया है।