एलन मस्क
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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में इस बार जिस अरबपति ने सबसे ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है, उनमें एक नाम एलन मस्क का है। डोनाल्ड ट्रंप और रिपब्लिकन पार्टी के लिए जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटे मस्क पर डेमोक्रेट पार्टी के कई नेताओं ने निशाना भी साधा है। दरअसल, मस्क पर आरोप है कि वह ट्रंप की कई सख्त नीतियों के समर्थन में उनके साथ आए हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार की कई नीतियों में एक नीति आव्रजन नियमों को कठिन बनाने की भी है। ऐसे में ट्रंप के साथ मस्क भी आलोचकों के निशाने पर हैं। इस बीच मस्क को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। दरअसल, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्क ने अपने करियर के शुरुआती वर्षों में खुद अवैध तरह से काम किया।
द वॉशिंगटन पोस्ट की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एलन मस्क, जो कि खुद दक्षिण अफ्रीकी मूल के हैं, उन्होंने 1995 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ड्रॉप आउट होकर अपनी पहली कंपनी जिप2 (Zip2) के लिए चार साल तक काम किया। बाद में यह कंपनी 30 करोड़ डॉलर में बिक गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि उस दौरान एलन मस्क के पास काम करने का वैध प्राधिकार नहीं था।
अखबार ने मस्क के दो पूर्व सहकर्मियों से बातचीत के आधार पर दावा किया कि उन्हें 1997 के करीब अमेरिका में काम करने की सही अनुमति मिली। गौरतलब है कि अमेरिका में विदेशी छात्र होने के चलते नियमों के मुताबिक, एलन मस्क कॉलेज छोड़कर किसी कंपनी के लिए काम नहीं कर सकते थे।
अमेरिका में छात्र वीजा की अवधि खत्म होने के बावजूद लोगों का देश में रुकना आम बात है। हालांकि, यह अवैध है। मस्क खुद भी कई मौकों पर कह चुके हैं कि अमेरिका में छात्र से आंत्रप्रेन्योर तक का उनका सफर कानूनी तौर पर विवादास्पद स्थिति में कहा जा सकता है।
रिपोर्ट में एलन मस्क के 2020 में एक पॉडकास्ट के दौरान दिए बयान का भी जिक्र किया गया है, जिसमें उन्होंने कबूल किया था कि वह अमेरिका में वैध तौर पर रह रहे थे, लेकिन उन्हें तब सिर्फ छात्र के तौर पर ही देश में रहने का परमिट था और खर्च चलाने के लिए सिर्फ कुछ छोटे-मोटे काम ही वैध थे।
अप्रवासियों-शरणार्थियों के मुखर विरोधी हैं मस्क
टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के मालिक एलन मस्क सोशल मीडिया और सार्वजनिक तौर पर कई बार अप्रवासियों और शरणार्थियों के विरोध में बयान दे चुके हैं। उन्होंने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पर आरोप लगाया है कि वह अवैध आव्रजन के जरिए वोटरों का आयात कर रही हैं। बीते हफ्ते ही उन्होंने अमेरिका-मैक्सिको सीमा, जहां मैक्सिको के सैकड़ों लोग अमेरिका आने के इंतजार में मौजूद हैं, उसे सर्वनाश करार दिया था।
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