सोनभद्र। वन विभाग में जिला गंगा समिति के परियोजना प्रबंधक महेंद्र गौतम की पत्नी प्रियंका की सोमवार को संदिग्ध हाल में मौत हो गई। रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के उरमौरा स्थित किराए के मकान में गिरी पड़ी थीं। पड़ोसी विवाहिता को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद से मृतका के पति का पता नहीं है। उनका मोबाइल भी बंद है। सूचना मायके की वालों को दी गई है।
बतादें कि मूल रूप से सीतापुर जिले के में रहने वाले महेंद्र गौतम (32) वन विभाग के अंतर्गत जिला गंगा समिति के जिला परियोजना की प्रबंधक (डीपीओ) के पद पर तैनात हैं।
करीब छह माह से वह रॉबर्ट्सगंज के उरमौरा स्थित एक की किराए के मकान में पत्नी प्रियंका के साथ रहते थे। लंबे समय से पति-पत्नी में विवाद चल रहा था। दिवाली पर दोनों अपने गांव गए हुए थे। त्यौहार बीतने के बाद दोनों पति पत्नि वापस घर आए और फिर से दोनों में कहासुनी शुरू हो गई।
घटना की सूचना पर पहुंचे लोढ़ी चौकी प्रभारी संजय सिंह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। मौके से जरूरी साक्ष्य जुटाए और मृतका के मायके वालों को सूचना दी। जानकारी मिलते ही मायके के लोग सोनभद्र के लिए रवाना हो गए हैं। फोन पर बातचीत में रोते बिलखते उन्होंने सिर्फ इतना ही बताया कि महेंद्र प्रियंका से रिश्ता तोड़ने और छोड़ कर जाने का दबाव बना रहे थे। उन्होंने प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
छुट्टी खत्म होने के बाद महेंद्र रविवार की सुबह कमरे पर लौटे थे तो वहीं शाम को प्रियंका भी अकेले पहुंची थीं। पड़ोसियों के मुताबिक सोमवार की सुबह पति- पत्नी में किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद महेंद्र अपने दफ्तर चले गए, वहां से वे कुछ जरूरी काम होने की बात कहकर निकल गये। इस बीच किराएदार प्रियंका के चीखने की आवाज सुनकर जब कमरे में पहुंचे तो वह बेसुध होकर नीचे गिरी थीं।
पुलिस को सूचना देते हुए आस-पास के लोग उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उसे चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। प्रारंभिक तौर पर जहर के सेवन से मौत की आशंका जताई गई है। प्रियंका का शव देर शाम तक अस्पताल में पड़ा रहा। पुलिस मायके वालों के आने का इंतजार कर रही थी।