कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का दोहरा चरित्र एक बार फिर उजागर हो गया है। खालिस्तानी आतंकियों को पनाह देने के आरोपों को लेकर लगातार उन पर और उनकी सरकार पर सवाल उठते रहे हैं। वे हमेशा से ऐसे अलगाववादियों को आतंकी मानने से इनकार करते रहे हैं और भारत पर ऐसे लोगों की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि, अब उन्होंने खुद कबूल किया है कि कनाडा में खालिस्तानी मौजूद हैं। दरअसल, ट्रूडो ने यह भी कहा कि खालिस्तान समर्थक अलगाववादी कनाडा में सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। खालिस्तानी अलगावादियों की मौजूदगी के बारे में ट्रूडो का कबूलनामा भारत के इस रुख को साफ करता है कि कनाडा सरकार खालिस्तानी तत्वों को पनाह दे रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रूडो ने पिछले सप्ताह ओटावा के पार्लियामेंट हिल में दिवाली के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। यहां उन्होंने भारतीय प्रवासियों को संबोधित भी किया था। उन्होंने कहा था कि कनाडा में खालिस्तान के कई समर्थक हैं, लेकिन वे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। यहां हिंसा, असहिष्णुता या धमकी के लिए कोई जगह नहीं है। हम ऐसे नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि कनाडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंदू समर्थक हैं, लेकिन वे भी कनाडा में हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
इससे पहले 6 नवंबर को ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि हिंसा भड़काने वाले लोग किसी भी तरह से कनाडा में सिखों या हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। दरअसल, ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में एक वाणिज्य दूतावास शिविर पर खालिस्तान समर्थक उपद्रवियों ने हमला बोला था। इसमें पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इसके बाद से ही ट्रूडो अपने देश और भारत समेत कई देशों के निशाने पर हैं।