एफआईआर (सांकेतिक तस्वीर)
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गुजरात के पाटन में एक मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के कारण 18 वर्षीय एक छात्र की मौत के बाद पुलिस ने 15 सीनियर छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। सभी आरोपी एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने पीड़ित समेत कई जूनियर छात्रों को हॉस्टल में तीन घंटे तक खड़ा रखा। इस मामले में कॉलेज के डीन डॉक्टर हार्दिक शाह ने बताया कि तीन घंटे तक खड़े रहने के बाद पीड़ित बेहोश हो गया और जब उसे अस्पताल ले जाया गया, तब डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
तीन घंटे तक पीड़ित को रखा गया खड़ा
पीड़ित की पहचान अनिल मेठानिया के तौर पर की गई है। वह एमबीबीएस के प्रथम वर्ष का छात्र था। डॉ. हार्दिक शाह की अध्यक्षता में कॉलेज की एंटी रैगिंग समिति ने 26 छात्रों के बयान लिए जिसमें 11 प्रथम वर्ष के छात्र और 15 द्वितीय वर्ष के छात्र शामिल थे। इस दौरान समिति ने पाया कि प्रथम वर्ष के 11 छात्रों के साथ द्वितीय वर्ष के 15 छात्रों ने रैगिंग की। बालिसाना पुलिस स्टेशन में सोमवार आधी रात के बाद दर्ज एफआईआर के अनुसार, 15 सीनियर छात्रों ने पीड़ित समेत 11 प्रथम वर्ष के छात्रों को शनिवार की रात को हॉस्टल के कमरे में बुलाया था। उन्होंने जूनियर छात्रों को तीन घंटे तक खड़ा रखा। इस दौरान उनपर डांस करने और गाना गाने के लिए दबाव भी बनाया गया।
कॉलेज के अतिरिक्त डीन ने दर्ज कराई शिकायत
सीनियर छात्रों द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किए जाने के कारण पीड़ित का स्वास्थ्य बिगड़ गया और वह बेहोश हो गया। आधी रात को उसे जल्द अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। कॉलेज के अतिरिक्त डीन डॉ. अनिल भठीजा के शिकायत के आधार पर 15 छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
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