Utpanna Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान बताया गया है. मान्यता है इस व्रत के प्रताप से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है. कष्टों से छुटकारा मिलता है. हर माह में 2 एकादशी आती है. एकादशी का व्रत जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति दिलता है. अभी मार्गशीर्ष माह चल रहा है, ऐसे में नवंबर की आखिरी एकादशी कब है.
नवंबर की आखिरी एकादशी कब ?
नवंबर में मार्गशीर्ष माह की उत्पन्ना एकादशी का व्रत 26 नवंबर 2024 को है. एक बार धर्मराज युधिष्ठिर को लीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण ने समस्त दुखों, त्रिविध तापों से मुक्ति दिलाने, हजारों यज्ञों के अनुष्ठान की तुलना करने वाले, चारों पुरुषार्थों को सहज ही देने वाले एकादशी व्रत करने करने को कहा था.
उत्पन्ना एकादशी पूजा मुहूर्त
- मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी तिथि शुरू – 26 नवंबर 2024, प्रात: 01 बजकर 01 मिनट
- मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी समाप्त – 7 नवंबर 2024, प्रात: 03 बजकर 47 मिनट
- पूजा मुहूर्त – सुबह 09.31 – दोपहर 1.27
- व्रत पारण – दोपहर 1.12 – दोपहर 3.18
एकादशी व्रत के नियम
पुराण के अनुसार जो लोग श्रद्धा भाव से एकादशी का व्रत रखते हैं वह उत्तम लोक को जाते हैं और पुण्य प्रभाव से वह मुक्ति को भी प्राप्त हो जाते हैं. एकादशी के व्रत में दशमी तिथि से ही व्रती को नियम और संयम का पालन करना होता है और एकादशी के दिन व्रत रखने के बाद द्वादशी के दिन पारण करना होता है.
कहा जाता है कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर पुण्य मिलता है. इस व्रत में व्रती को बुरे कर्म करने वाले, पापी, दुष्ट लोगों की संगत से बचना चाहिए. एकादशी व्रत में अन्न का सेवन करने से पुण्य का नाश होता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत का फल हजारों यज्ञों से भी अधिक है.
एकादशी के दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. एकादशी व्रत में रात्रि जागरण करके भगवान का ध्यान, भजन करने का विधान है. इस विधि से एकादशी का व्रत करने वला व्यक्ति मुक्ति को प्राप्त होता है.
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