पीएम मोदी और गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली
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भारत और गुयाना रक्षा, व्यापार, डिजिटल भुगतान प्रणाली, ऊर्जा, दवा निर्माण व कृषि के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएंगे। 56 वर्ष में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली गुयाना यात्रा के दौरान पीएम मोदी व राष्ट्रपति इरफान अली की मौजूदगी में दोनों देशों के बीच दस समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। ये समझौते हाइड्रोकार्बन, स्वास्थ्य सेवा, संस्कृति और कृषि जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करेंगे।
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, गुयाना भारत की ऊर्जा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी के लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी। 56 वर्षों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की गुयाना यात्रा द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हमने भारत-गुयाना सहयोग को बढ़ाने के लिए कई नई पहलों की पहचान की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास करेंगे। दोनों राष्ट्रप्रमुखों ने समग्र संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर व्यापक चर्चा की।
गुयाना की सेना की क्षमता निर्माण में योगदान जारी रखेगा भारत
पीएम ने कहा, रक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग गहन आपसी विश्वास का प्रतीक है। भारत छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण के माध्यम से गुयाना की सेना की क्षमता निर्माण में योगदान देना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि इस वर्ष भारत ने गुयाना को दो डोर्नियर विमान उपलब्ध कराए हैं। वैश्विक संघर्षों पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत और गुयाना इस बात पर सहमत हैं कि सभी समस्याओं का समाधान बातचीत व कूटनीति से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हम इस बात पर एकमत हैं कि वैश्विक संस्थाओं में सुधार समय की मांग है।
गुयाना में भी भारत के यूपीआई से हो सकेगा भुगतान
दोनों देशों के बीच हुए समझौतों में से एक के तहत गुयाना में भारत की यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) के तहत डिजिटल भुगतान हो सकेगा। पीएम मोदी ने कहा, आज की बैठक में हमने अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए कई नई पहलों की पहचान की है। हम अपने आपसी व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रयास करना जारी रखेंगे।
गुयाना में खुलेगा जन औषिणी केंद्र
पीएम मोदी ने कहा, भारत गुयाना के लिए दवा उत्पादों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। हम गुयाना को फार्मा निर्यात बढ़ाने पर काम करेंगे। इसके साथ ही हम गुयाना में जन औषधि केंद्र बनाने पर भी काम करेंगे। भारत गुयाना के बुनियादी ढांचे के विकास में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में योगदान दे रहा है।
वैश्विक हुई एक पेड़ मां के नाम मुहिम
पीएम मोदी की ‘एक पेड़ मां के नाम’ मुहिम बुधवार को वैश्विक पहल हो गई। पीएम मोदी व राष्ट्रपति इरफान अली ने जॉर्जटाउन में इस मुहिम के अंतर्गत एक पौधा लगाया।
पूरे क्षेत्र की खाद्य सुरक्षा में देंगे योगदान
दोनों पक्षों ने कृषि क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई। मोदी ने कहा, पिछले साल भारत के उपलब्ध कराए बाजरे के बीजों से हम गुयाना के साथ-साथ पूरे क्षेत्र की खाद्य सुरक्षा बढ़ाने में योगदान देने में सक्षम हुए। इसी तरह, हम चावल मिलिंग, गन्ना, मक्का, सोया और अन्य फसलों की खेती बढ़ाने में भी सहयोग करेंगे।
गुयाना से है निजी जुड़ाव, 24 साल पहले आम नागरिक के तौर पर आया था: मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के साथ उनका निजी जुड़ाव रहा है। 24 वर्ष पहले वे एक सामान्य नागरिक के तौर पर वहां गए थे। उन्होंने कहा, आज मैं प्रधानमंत्री के तौर पर यहां आकर सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। राष्ट्रपति इरफान अली का भारत के साथ विशेष रिश्ता है। पिछले वर्ष उन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस में शिरकत की थी। उनकी यात्रा ने हमें अपने सहयोग को नए स्तर पर ले जाने के लिए प्रेरित किया। पीएम मोदी ने कहा, भारत और गुयाना इस बात पर सहमत हैं कि जलवायु न्याय दोनों देशों के लिए एक साझा प्राथमिकता है। हम सभी क्षेत्रों में प्रगति के लिए प्रयास करना जारी रखेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे रिश्ते 180 साल पहले भारत से गुयाना आए लोगों ने स्थापित किए थे। आज, भारतीय समुदाय गुयाना के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
दुनियाभर के नेताओं के बीच चैंपियन हैं मोदी: इरफान अली
गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे दुनियाभर के नेताओं के बीच चैंपियन हैं। उनका प्रभावशाली नेतृत्व और विकासशील देशों में योगदान उन्हें खास बनाता है। उन्होंने कहा कि मोदी की शासन शैली कमाल की है। गुयाना व अन्य देशों में इसका प्रासंगिकता है और इसे अपनाया जाता है। इरफान अली ने एक साझा बयान में कहा, पीएम मोदी का बहुत बहुत आभार। आपका यहां आना हमारे लिए सम्मान की बात है। आपने विकासशील दुनिया को रोशनी दिखाई है और आपने विकास के ऐसे मापदंड और ढांचे बनाए हैं जिन्हें कई लोग अपने देश में अपना रहे हैं।