कन्नौज हादसा
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हादसे के तीन प्रमुख कारण नशा, नींद और रफ्तार…। इस हादसे में तीनों सार्थक हो रहे हैं। पुलिस और यूपीडा की प्रारंभिक जांच में ये तीनों ही कारण निकलकर सामने आए हैं। साथी डॉक्टर के भाई की शादी से लौट रहेे सैफई मेडिकल कॉलेज के पीजी डॉक्टरों ने बीयर भी पी रखी थी। स्कार्पियो में एक खाली कैन भी मिली है। दूसरा कारण सुबह के समय नींद आना है। झपकी लगते ही पांच जिंदगियां काल के गाल में समा गईं। एक जिंदकी-मौत से संघर्ष कर रहा है। तीसरा कार की रफ्तार भी 130 किमी प्रतिघंटा थी, जो एक्सप्रेसवे के मानक से अधिक थी। पुलिस इन्हीं बिंदुओं पर जांच कर रही है।
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर आए दिन हादसे होते हैं। डिवाइडर पर चढ़कर स्कार्पियो अनियंत्रित हुई और डिवाइडर की जाली को तोड़कर दूसरी लेन पर चली गई। इसके बाद सामने से आ रहे ट्रक से भिड़ गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी की स्कार्पियो चिपक गई। रात में ही यूपीडा की रेस्क्यू टीम ने कार व ट्रक को हटवाया। इसके बाद यूपीडा के नोडल अधिकारी राजेश पांडेय ने हादसे की जांच के आदेश मुख्य सुरक्षा अधिकारी को दिए तो वहीं एसपी ने भी तिर्वा कोतवाल जितेंद्र प्रताप सिंह को जांच सौंपी। रिपोर्ट डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने भी तलब की है। इस हादसे में ट्रक चालक की गलती नहीं दिखाई दे रही है। वह अपनी लेन पर सही दिशा में जा रहा था। यूपीडा के सुरक्षा अधिकारी ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि हादसे के सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है, जल्द ही रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी जाएगी।