{“_id”:”677cd5af5fc2beb0c8086e6c”,”slug”:”after-death-of-accused-he-is-being-called-to-the-court-2025-01-07″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Aligarh Court: मुल्जिम गए स्वर्ग सिधार, अदालतों में लग रही हाजिर होने को पुकार”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
मुल्जिम की हुई मौत – फोटो : प्रतीकात्मक
विस्तार
स्थानीय अदालत में चल रहे दशकों पुराने मुकदमों में कोई फैसला भले ही नहीं हुआ हो लेकिन इस दौरान एक बड़ी संख्या ऐसे मुल्जिमों की है जिनकी मौत हो चुकी है। लेकिन स्थिति यह है कि पुलिस इनकी मौत की रिपोर्ट अदालत में पेश नहीं कर सकी है। जिसके चलते अदालतों में इनके नाम की पुकार अभी तक लगती है। स्थानीय अदालत में विचाराधीन करीब 25 हजार मुकदमों में से 20 फीसदी, यानि पांच हजार मुकदमे डेढ़ से दो दशक लंबी अवधि के विचाराधीन हैं।
Trending Videos
केस-1
चंद्रपाल और ब्रजेश की मौत हो चुकी लेकिन मुकदमे में आज भी जिंदा
फास्ट ट्रैक कोर्ट (प्रथम) में थाना दादों क्षेत्र का राज्य बनाम चंद्रपाल नाम से चल रहे डकैती के मुकदमे में 11 आरोपियों के नाम हैं। 2012 में दादों में हुई घटना में आरोपियों पर घर में घुसकर डकैती डालने, मारपीट करने और बंधक बनाने के आरोप में मुकदमा शुरू हुआ। इन आरोपियों में से अब चंद्रपाल और राम ब्रजेश की मौत हो चुकी है। लेकिन थाना पुलिस ने इनकी मौत की रिपोर्ट अदालत में दाखिल ही नहीं की है।
केस-2
पप्पू मर चुका है लेकिन रिकार्ड में जीवित है
न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) की अदालत में थाना हरदुआगंज क्षेत्र में सन 2012 से राज्य बनाम पप्पू मुकदमा चल रहा है। पप्पू पर सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप था। इस मामले में आरोपी पप्पू की मौत हो चुकी है। ऐसे में आज भी उसके नाम की पुकार लगती है। खास बात यह है कि अब तक इस मुकदमे में गवाही तक नहीं हुई है।
केस-3
दो मुल्जिमों की हो चुकी मौत..पुकार आज भी लगती है
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत में राज्य बनाम नंद किशोर नाम से मुकदमा चल रहा है। सन 2005 में चबूतरा तोड़ने और खेत की मेड़ तोड़ने पर दो पक्षों में मारपीट का मामला था। सात लोग नामजद हुए। 20 साल पुराने इस मुकदमे में दो लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन पुलिस ने इसकी रिपोर्ट अभी तक कोर्ट में दाखिल नहीं की है।