इत्र कारखाने में डेग में तैयार होता शमामा
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एक इत्र ऐसा भी है, जिसको लगाने से ठंड दूर हो जाती है। सहसा यह विश्वास किसी को नहीं होगा, लेकिन इत्र और इतिहास की नगरी में एक ऐसा भी इत्र बनाया जा रहा है, जिसको लगाने मात्र से ठंड नहीं लगेगी और सर्दी-जुकाम छूमंतर हो जाएगा। यह देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गईं 35 प्रकार की दुर्लभ जड़ी-बूटियों और गरम मसालों से बनाया जाता है, जिसको शमामा कहा जाता है।
शमामा की भारत से अधिक विदेशों में मांग है, जिससे यह खाड़ी देशों समेत विश्व के 56 देशों में निर्यात किया जा रहा है। हर साल शमामा की मांग बढ़ रही है। शमामा का अर्थ अरबी मूल में “उच्च स्थान” है, जिसका मतलब है कि जो इत्र में सबसे उच्च स्थान है, वह शमामा का है। अन्य सभी इत् फूलों से बनाए जाते हैं, लेकिन शमामा देसी जड़ी-बूटियों से तैयार होता है। ये जड़ी-बूटियां भारत के विभिन्न भागों से मंगाईं जाती हैं।