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गंगा घाट पर श्रद्धालु – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी योग में बुधवार को श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी योग में अलग-अलग गंगा घाट और तीर्थनगरी के हरि की पौड़ी पर गंगा स्नान कर पुण्यलाभ अर्जित किया। ब्रह्म मुहूर्त में तारों की छांव में शुरू हुआ मौनी अमावस्या का विशेष स्नान दोपहर तक चला। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर मां गंगा से सुख समृद्धि की कामना की।
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मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी योग बना। सूर्य, चंद्रमा व बुध ने यह योग बनाया। आचार्यों के द्वारा त्रिवेणी योग का मुहूर्त बहुत अच्छा बताया। श्रद्धालुओं ने ब्रह्म मुहूर्त में तारों की छांव के बीच स्नान शुरू किया। स्नान शुरू होते ही हर हर गंगे के जयकारे सुनाई देने लगे।
तीर्थनगरी हरि की पौड़ी लहरा गंगा घाट, कादरगंज गंगा घाट व कछला गंगा घाट पर श्रद्धालुओं ने मौन व्रत रखकर गंगा में डुबकी लगाई और गंगा स्नान के बाद पूजा अर्चना की। इसके बाद विधिवत मौन व्रत खोला। तीर्थनगरी में हरि की पौड़ी के घाटों पर श्रद्धालुओं ने पितरों की शांति के लिए अनुष्ठान किए। विद्वान आचार्यों के द्वारा पितृ पूजा कराई गईं।
मंदिरों में किए देवदर्शन
गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने तीर्थनगरी क्षेत्राधीश वराह मंदिर पहुंचकर भगवान वराह के दर्शन कर प्रसाद चढ़ाया। अपने परिवार की खुशहाली और समृद्धि का आशीष मांगा। श्रद्धालुओं ने बालाजी दरबार, रघुनाथजी, सोमेश्वर दरबार, सिद्ध हनुमान, द्वारिकाधीश, मानस मंदिर, शनि मंदिर, सिद्ध विनायक, राधा कृष्ण, गंगा माता आदि मंदिरों में भी दर्शन पूजन किए। श्रद्धालु योगमार्ग स्थित संतों के आश्रम महेश दयानंद सोहम आश्रम, प्रेमी बाबा आश्रम, भक्त आश्रम, अमृतानंद आदि आश्रमों में भी पहुंचे जहां संतों के लिए अन्न क्षेत्र का आयोजन किया गया।
शूकर क्षेत्र की पंचकोसी परिक्रमा लगाई
श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर शूकर क्षेत्र की पंचकोसी परिक्रमा लगाई। हरि नाम का संकीर्तन करते हुए श्रद्धालुओं ने परिक्रमा मार्ग में बैठे गरीब निर्धनों को वस्त्र, अनाज आदि का दान भी किया।