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कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो – फोटो : एएनआई
विस्तार
कनाडा के एक आयोग ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कनाडाई सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ है। आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि निज्जर की हत्या में किसी विदेशी संलिप्तता का कोई ठोस सबूत नहीं मिला। बता दें कि भारत का विदेश मंत्रालय भी कई मौकों पर ट्रूडो के बेबुनियाद आरोपों का पुरजोर खंडन कर चुका है। यह भी दिलचस्प है कि ट्रूडो आंतरिक राजनीति में बढ़ते विरोध के कारण प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
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‘संघीय चुनावी प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच’ शीर्षक वाली रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई। रिपोर्ट में आयुक्त मैरी-जोसी हॉग ने कहा कि ‘गलत सूचना का इस्तेमाल किसी देश के हितों के विपरीत जाने वाले निर्णयों को दंडित करने के लिए प्रतिशोधात्मक रणनीति के रूप में किया जाता है।’ रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत ने निज्जर की हत्या के बारे में गलत सूचना फैलाई।
जून 2023 में हुई थी निज्जर की हत्या
रिपोर्ट के अनुसार, यह हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में संदिग्ध भारतीय संलिप्तता के बारे में पीएम ट्रूडो की घोषणा के बाद चलाए गए गलत सूचना अभियान के मामले में हो सकता है। हालांकि, फिर भी किसी विदेशी संलिप्तता का कोई प्रमाणिक संबंध साबित नहीं हो सका। बता दें कि जून 2023 में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
123 पन्नों की रिपोर्ट में राजनयिकों के निष्काषन का भी जिक्र
123 पन्नों की रिपोर्ट में, छह भारतीय राजनयिकों को निष्काषित किए जाने का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, ‘अक्तूबर 2024 में, कनाडा ने भारत सरकार से जुड़े एजेंटों द्वारा कनाडाई नागरिकों के खिलाफ लक्षित अभियान की प्रतिक्रिया में छह भारतीय राजनयिकों और वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को निष्काषित कर दिया।’ हालांकि, भारत ने भी इसके जवाब में छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित किया और अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की घोषणा की।
आरोपों के बाद भारत-कनाडा के संबंधों में बढ़ा तनाव
पिछले साल सितंबर में, पीएम ट्रूडो द्वारा निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव बढ़ गया। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया था।
भारत ने ट्रूडो सरकार की बार-बार की आलोचना
भारत ने कनाडा में रहने वाले खालिस्तान आंदोलन के समर्थकों के प्रति नरम रुख अपनाने के लिए ट्रूडो सरकार की बार-बार आलोचना की है। खालिस्तान आंदोलन भारत में प्रतिबंधित है, लेकिन सिख प्रवासियों, खासकर कनाडा में इसका समर्थन है।
कनाडा चुनावों में भारत के हस्तक्षेप को भी खारिज कर चुका विदेश मंत्रालय
इससे पहले, मंगलवार को ही कनाडा में हुए चुनावों में भारत के हस्तक्षेप के आरोपों को विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने कनाडा चुनाव में हस्तक्षेप पर कथित गतिविधियों के बारे में एक रिपोर्ट देखी है। वास्तव में यह कनाडा ही है जो भारत के आंतरिक मामलों में लगातार हस्तक्षेप करता रहा है।