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अंजॉ जिले के प्रथम गांव कीबिथू में कंप्यूटर सीखतीं छात्राएं। – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
हमारे स्कूल में पहले कंप्यूटर नहीं था, इस कारण हमें कंप्यूटर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। अगर कंप्यूटर की शिक्षा लेनी होती थी तो गांव से 300 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। अब वह दूरी मिट गई है, स्कूल में ही हमें यह शिक्षा मिल रही है, कहते हुए चहक उठते हैं सुभाष।
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भारत-चीन सीमा के पास स्थित अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले के प्रथम गांव कीबिथू के रहने वाले सुभाष कहते हैं, अब हमारे अंदर भी आत्मविश्वास बढ़ा है। अब हमारे भी सपने साकार होंगे। उल्लेखनीय है कि अमर उजाला फाउंडेशन ने स्कूल के विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुए पिछले वर्ष अगस्त में कंप्यूटर सेट और अन्य शिक्षा सामाग्री स्कूल को दी थी। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री अमित शाह ने 2023 में इसी गांव से वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम का उद्घाटन किया था।
हमारे भी सपने होंगे साकार
छात्र सुभाष कहते हैं,अमर उजाला फाउंडेशन ने जो कंप्यूटर सेट दिए हैं, उससे हमें काफी फायदा हो रहा है। अब हमारे भी सपने साकार होंगे। अब स्कूल में ही सब कुछ सीख पा रहे हैं। अब हमें भी लगता है कि हम भी कम्प्यूटर में उच्च शिक्षा हासिल कर सकते हैं। छात्र हेमंत कहते हैं, हमें कंप्यूटर की बेसिक समझ आ गई है। अब कंप्यूटर में निपुण हो रहे हैं। पहले जो मन में डर था अब वह नहीं रहा। अब हमें कोर्स से संबंधित किसी भी चीज के लिए बाहर जाने की जरूरत पड़ती। खुद स्कूल में ही बना लेते हैं।
झिझक हुई दूर, आगे की हो रही तैयारी
विद्यार्थियों को कंप्यूटर की पढ़ाई कराने वाले शिक्षक निजूम मन्यू कहते हैं, शुरुआत में बच्चों को कंप्यूटर को लेकर झिझक थी। उनसे कहीं गलती नहीं हो जाए। लेकिन धीरे-धीरे उनमें आत्मविश्वास जगा और अब वे काफी कुछ सीख रहे हैं। पिछले छह महीनों में काफी तरक्की हुई है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों में कंप्यूटर सीखने को लेकर काफी करेज है। कभी क्लास मिस नहीं करते। उन्होंने बताया कि वे रोजाना एक घंटे कंप्यूटर की शिक्षा देते हैं।
पूरे गांव में है खुशी
क्रोंग स्कूल की कार्यकारी प्रिंसिपल बाघिनला क्रोंग अमर उजाला फाउंडेशन का धन्यवाद करते हुए कहती हैं, स्कूल का पूरा स्टाफ तो खुश है ही साथ ही पूरा गांव भी बहुत खुश है। वे कभी नहीं सोच सकते थे उनके बच्चों को गांव में कंप्यूटर की इतनी अच्छी शिक्षा मिल पाएगी।