Ramadan 2025 Laylatul Qadr: इस्लाम धर्म के अनुसार रमजान की आखिरी 10 रातें बहुत ही अहम मानी जाती हैं. इन्हें लैलतुल कद्र कहा जाता है. यह ऐसी रातें होती हैं जिसमें इबादत और बरकत का फल हजार महीनों से बेहतर मिलता है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार रमजान की आखिरी 10 दिनों में ही पैगंबर मोहम्मद ने खुद को गहन इबादत के लिए समर्पित किया था.
क्या है लैलतुल कद्र
लैलतुल कद्र जिसे हुक्म की रात या फिर शक्ति की रात भी कहते हैं. जोकि रमजान के पवित्र रातों में एक है. यह रमजान के आखिरी 10 दिनों में पड़ती है. इस समय रमजान का तीसरा अशरा भी रहता है. लैलतुल कद्र या रमजान की आखिरी 10 रातें खासकर उन लोगों के लिए काफी अहम हो जाती है जो इस समय अल्लाह की इबादत करते हैं, कुरान पढ़ते हैं और अच्छे काम करते हैं.
‘फैसले की रात हजार महीनों से बेहतर है’ कुरान 97.3
इसी तरह पैगंबर मोहम्मद ने कहा है- ‘जो व्यक्ति अल्लाह पर ईमान रखते हुए और उसके प्रतिफल की आशा रखते हुए रमजान की आखिरी दस रातों में क्षमा मांगता है उसके सभी पिछले पाप माफ कर दिए जाएंगे’.
यही कारण है कि रमजान के अंतिम 10 दिनों का महत्व काफी बढ़ जाता है. रमजान की अंतिम 10 रातों में विषम रात जैसे, 21वीं 23वीं 25वीं 27वीं या 29वीं रातों के दौरान मुसलमान दुआ करते हैं, अल्लाह का स्मरण करते हैं, कुरान पढ़ते हैं और पूरी तरह से खुद को इबादत के लिए समर्पित करना चाहते हैं.
रमजान की आखिरी 10 रातें क्या संदेश देती है
- रमजान की अंतिम 10 रातों के दौरान महत्वपूर्ण इबादतों को बढ़ाकर अल्लाह के करीब आ सकते हैं.
- रमजान के अंतिम 10 दिनों में मस्जिद में एंकात में अल्लाह की इबादत करने से अच्छे कर्म बढ़ते हैं.
- रमजान के आखिरी 10 रातों के दौरान दान देना भी महत्वपूर्ण होता है. इसे आप जकात यानी अनिवार्य या स्वैच्छिक यानी सदका दोनों रूपों में दे सकते हैं. जैसा कि पैंगबर ने कहा- ‘कियामत के दिन मोमिनों की छाया उनका दान होगा.’
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