Rajasthan News: बांसवाड़ा से डूंगरपुर के बीच हैंगिंग ब्रिज (Hanging Bridge) का सपना जल्द पूरा होने वाला है. हैंगिंग ब्रिज का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. माना जा रहा है कि सब कुछ ठीक रहने पर
अप्रैल माह में हैंगिंग ब्रिज जनता को समर्पित हो जाएगा. हैंगिंग ब्रिज एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए महत्वपूर्ण साधन होगा. 2019 में माही-अनास-जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम पर हैंगिंग ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हुआ था. अब जल्द निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है.
हैंगिंग ब्रिज बनाने में 134 करोड़ रुपये की लागत आई है. बनाने में हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. ब्रिज की कुल लंबाई 906 मीटर और चौड़ाई 1 मीटर है. गुजरात और राजस्थान के बीच ब्रिज दूरी को कम कर देगा. ब्रिज के बनने से रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. डूंगरपुर के चिखली से बांसवाड़ा के आनंदपुरी पहुंचने में चार घंटे का समय लगता था. हैंगिंग ब्रिज बनने के बाद मात्र 30 मिनट में डूंगरपुर से बांसवाड़ा का सफर पूरा हो जाएगा.
हैंगिंग ब्रिज पर नहीं होगा भूकंप का असर
आपको बता दें कि आनंदपुरी से थोड़ी दूरी पर गुजरात की सीमा लगती है. ऐसे में डूंगरपुर से गुजरात जाने का सबसे बेहतरीन मार्ग हैंगिंग ब्रिज होगा. करोड़ों रुपये की लागत से बन रहे पुल की विशेषता भी है. जलस्तर बढ़ने पर पुल डैमेज होने की सूचना अधिकारियों को मिल जाएगी.
उन्नत तकनीक से किया जा रहा है निर्माण
पुल पर भूकंप का भी असर नहीं पड़ेगा. हाई तकनीक से बन रहा पुल गुजरात और राजस्थान के बीच कनेक्टिविटी बढ़ा देगा. जनजाति क्षैत्र के लोगों को एक सिरे से दूसरे सिरे जाने में आसानी होगी. पर्यटन की दृष्टि से भी लोगों को रोजगार का साधन उपलब्ध होगा और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. हैंगिंग ब्रिज के शुरू होने में अब ज्यादा समय नहीं लगने वाला है.
ये भी पढ़ें- Rajasthan: बारां में स्कूल के निमंत्रण पत्र पर लिखे उर्दू के शब्दों पर बवाल, विश्व हिंदू परिषद ने किया विरोध